IBEX NEWS,शिमला।
किन्नौर ज़िला के नाथपा में पहाड़ी से चट्टानें और मलबा गिरने से सामरिक महत्व का नेशनल हाईवे-5 तीसरे दिन भी यातायात के लिए बहाल नहीं ही पाया है और पूरी तरह नाथपा तीसरे दिन भी ठप्प है। आज 2 ब्लास्टिंग पॉइंट पर की गई है जिससे लूज़पॉइंट नाराज़ लग रहा है।दिनभर बड़े पत्थरों को गिरने का सिलसिला जारी रहा और इससे काम करने में बाधा बनी। बड़ी चट्टानों को तो ब्लास्ट ने तोड़ दिया मगर लूस पॉइंट को पूरी तरह से नीचे नहीं लॉ पाया। यदि ये पॉइंट पूरा गिर जाता हैं तो फिर अगले दो दिन बाद बहाली के संकेत दिए जा रहे है। क्योंकि फिर मशीनों से पत्थरों को हटाने का आसानी से काम हो पाएगा।अभी पत्थरों और मलबा गिरने से काम में जुटे मज़दूरों को ख़तरा है।नीचे सतलुज पर बनी संजय जल विद्युत परियोजना का बांध है ।राहत की बात फ़िलहाल ये है कि निचार से फोर बाई फोर गाड़ी से शिमला किन्नौर के लिये रास्ता खुला है। यहीं नहीं भूस्खलन पॉइंट पर दोनों और से पैदल वैकल्पिक मार्ग पर निगरानी बरतते हुए लोग इधर उधर भेजे जा रहे हैं।
प्राकृतिक आपदाओं के मामले में किन्नौर जिला संवेदनशील बना हुआ है। पूर्व में जहां जिले के निगुलसरी में कई दिनों तक यातायात अवरूद्ध रहा, वहीं अब जिले के नाथपा में पहाड़ी से चट्टानें और मलबा गिरने से सामरिक महत्व का नेशनल हाईवे-पांच तीसरे दिन भी यातायात के लिए अवरुद्ध है। ऐसे में जिले के हजारों लोगों की दुश्वारियां बढ़ी हैं। हालांकि एनएच प्राधिकरण सड़क बहाली में युद्धस्तर पर जुटा है, लेकिन पहाड़ी से भूस्खलन न रुकने के कारण कार्य प्रभावित हो रहा है।
एनएच प्राधिकरण अगले दो से तीन दिन में यातायात बहाल करने की संभावना जता रहा है। बहरहाल प्राधिकरण ने किन्नौर की ओर से 25 मीटर, जबकि शिमला से करीब 35 मीटर मार्ग बहाल किया है।
गौर हो कि शनिवार रात करीब दो बजे नाथपा में नेशनल हाईवे पांच में पहाड़ी से भारी भूस्खलन और चट्टानें दरकने के कारण यातायात के लिए अवरुद्ध हो गया था। ऐसे में जहां एनएच पर बड़े और छोटे वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है, वहीं हजारों लोग जान जोखिम में डालकर वैकल्पिक मार्ग प्लींगी वाया निचार होकर सफर कर रहे हैं। निगम की बसों में यात्रियों को ट्रांसमिट कर भेजा जा रहा है। मार्ग बाधित होने के कारण सीमा पर तैनात सेना के जवानों सहित जिले के हजारों लोगों को आवाजाही करना दिक्कतों भरा बना हुआ है।नेशनल हाईवे प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि प्राधिकरण ने किन्नौर की ओर से 25 मीटर, जबकि शिमला की ओर से 35 मीटर सड़क खोल दी गई है। पहाड़ी से भूस्खलन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा, जिस कारण एनएच बहाली में अभी तीन और दिन लग सकते हैं।