IBEX NEWS,शिमला।
हिमाचल में 15 साल पुराने सरकारी वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा। इस साल सरकार राज्य में छह पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग और ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर शुरू करेगी। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शनिवार को प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वाहन स्क्रैपिंग सेंटर स्थापित करने के लिए 31 जनवरी तक इच्छुक लोगों से निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। 1 अक्तूबर से सभी वाहनों की पासिंग ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर पर ही होगी। एमवीआई का रोल खत्म हो जाएगा।ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर स्थापित करने के लिए भी आवेदन मांगे गए हैं। 31 मार्च तक पूरी तरह से ई-चालान व्यवस्था लागू होगी। पॉस मशीनों से जुर्माने का भुगतान होगा। परिवहन विभाग के 12 बैरियर 30 जून तक इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से जुड़ेंगे। एएनपीआर तकनीक के जरिये सीसीटीवी कैमरों की मदद से नियम तोड़ने पर ऑनलाइन चालान होंगे। गाड़ी के दस्तावेज भी ऑनलाइन ही जांचे जा सकेंगे। 2024 परिवहन विभाग के लिए सुधार का साल रहेगा। मुकेश ने बताया कि परिवहन विभाग का सालाना राजस्व 500 करोड़ से बढ़कर 800 करोड़ पहुंच गया है, इसे 1000 करोड़ पहुंचाने का लक्ष्य है।
परिवहन विभाग 15 जनवरी से सड़क सुरक्षा जागरुकता अभियान शुरू करेगा। लोगों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। जिला प्रशासन और लोनिवि के सहयोग से ब्लैक स्पॉट सुधारे जाएंगे। स्कूली बच्चों को भी जागरुकता अभियान से जोड़ेंगे। 18 साल से अधिक उम्र के बच्चों के ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए विशेष अभियान चलेगा। हिमाचल में होने वाले कुल हादसों में 50 एनएच पर हो रहे हैं और मानवीय चूक हादसों का प्रमुख कारण है। बीते सालों के मुकाबले हादसों की दर 13 फीसदी घटी है। इस साल अभी तक 881 लोगों की जान हादसों में गई है। जबकि पिछले साल 932 लोगों की जान गई थी। सरकारी क्षेत्र में अब सिर्फ ई-वाहन ही खरीदे जाएंगे, गुरुवार को पुराने ऑर्डर की पेट्रोल गाड़ियां सचिवालय में आई हैं।
ई-टैक्सी के लिए दिशा-निर्देश तय
राज्य में 2811 इलेक्ट्रिक गाड़ियां पंजीकृत हैं। इनमें से 2412 हैं और 399 व्यावसायिक वाहन हैं। सरकारी विभागों के पास 19 गाड़ियां हैं। ई-टैक्सी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए 1221 आवेदन मिले हैं। प्रदेश में ई-टैक्सी के 500 परमिट युवाओं को दिए जाएंगे। इसके लिए दिशा-निर्देश तय कर दिए गए हैं।