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IBEX NEWS,शिमला।


मुख्यमंत्री ने ‘वैटलैंड्स फॉर लाइफ’ फिल्मोत्सव का किया शुभारम्भ
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां ‘वैटलैंड्स फॉर लाइफ’ फिल्मोत्सव एवं फोरम का शुभारम्भ किया। हिमाचल प्रदेश राज्य वैटलैंड प्राधिकरण, हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद् और पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में इस फिल्मोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

Chief Minister Thakur Sukhvinder Singh Sukhu today inaugurated the ‘Wetlands for Life’ film festival and forum, organized by the HP State Wetland Authority, HP Council for Science, Technology and Environment and the department of Environment, Science, Technology and Climate Change.
The event featured the screening of short films, including Guardians of Wetlands: Women as Stewards of Conservation, Green Renuka Ji Fair: A Collective Endeavour of Renuka Lake, and Municipal Solid Waste around wetlands in Himachal, initiative of healing Himalayas.
Thakur Sukhvinder Singh Sukhu said that environmental protection has a priority for the present state government and it was working tirelessly to preserve the natural beauty and ecological balance of the state.


इस फिल्म उत्सव के दौरान गार्डियन्स ऑफ वैडलैंड्स, वुमेन एज स्टीवडर््स ऑफ कंजरवेशन, ग्रीन रेणुका जी फेयर ए कलेक्टिव एंडेवेर ऑफ रेणुका लेक और म्यूनिसिपल सोलिड वेस्ट अराउंड वैटलैंड्स इन हिमाचल, इनिशिएटिव ऑफ हीलिंग हिमालयाज़ सहित लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण तथा प्रदेश की नैसर्गिक सुन्दरता और पारिस्थतिकीय तंत्र संतुलन के लिए प्राथमिकता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने पिछले साल प्राकृतिक आपदा के गहरे ज़ख्मों का सामना किया। आपदा के कारण प्रदेश का हर भाग प्रभावित हुआ। वर्तमान में किन्नौर और लाहौल-स्पिति में अत्याधिक बारिश हो रही है जबकि वहां पहले बारिश नहीं होती थी। कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण में हो रहे बदलावों के फलस्वरूप पृथ्वी के तापमान में वृद्धि हो रही है और ग्लोबल वार्मिंग से पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी से इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। प्रदेश सरकार के साथ-साथ लोगों को भी इस जन अभियान से जुड़ने की आवश्यकता है क्यांेकि यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है।

CMremarked, “Last year, Himachal Pradesh faced a disaster unlike any we have witnessed in our lifetime. Every part of the state suffered significant damage. Today, it is raining in Kinnaur and Lahaul-Spiti areas that historically never received rainfall. Due to carbon emissions and changes in our lifestyle, the earth’s temperature is rising and we are witnessing its harsh consequences in every part of the world. However, it is not too late, public participation is crucial in addressing this issue. It is not solely the government’s responsibility, but people must also engage in this noble cause, said the Chief Minister.
He said that Himachal Pradesh’s culture was deeply connected to environmental conservation. He stressed the importance of preparing the younger generation to face environmental challenges. “Our aim is to make Himachal Pradesh an environmentally beautiful state, which will, in turn, boost tourism activities,” he said.


मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की संस्कृति पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी हुई है। उन्होंने पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए युवाओं को तैयार करने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य हिमाचल को पर्यावरण की दृष्टि से सुन्दर एवं स्वच्छ राज्य बनाना है जिससे प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। हिमाचल को नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यटन क्षेत्र के माध्यम से आत्मनिर्भर राज्य बनाने की प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए भी प्रमुखता से कार्य कर रही है। प्रदेश में जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए ई-वाहनों के संचालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए कई क्षेत्रों में प्रयास किए जा रहे हैं।

The Chief Minister reiterated that achieving self-reliance through renewable energy and the tourism sector was a priority for the state but it is equally important to maintain a balance with the environment. To reduce dependence on fossil fuels and lower carbon emissions, the government was promoting e-vehicles. Several efforts were being made on multiple fronts to reduce carbon emissions.
The Chief Minister said the state government has allocated Rs. 300 crore to HRTC for purchase of e-buses. Additionally, a foundation stone for a one-megawatt green hydrocarbon project in Nalagarh of Solan district would be laid soon. He also said that the state government was making earnest efforts to harness solar and wind energy with a 32-megawatt solar power plant already operational at Pekhubela in Una district.


उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने ई-बसें खरीदने के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम को 300 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके अतिरिक्त, सोलन जिला के नालागढ़ में एक मैगावाट क्षमता की ग्रीन हाइड्रोकार्बन परियोजना का शीघ्र ही शिलान्यास किया जाएगा। प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा का अधिकतम दोहन सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है और जिला ऊना के पेखूबेला में 32 मैगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र कार्यशील किया गया है।

He stated that Himachal Pradesh was considered as the lungs of North India and to protect the state’s forests, the government was involving women’s groups in tree conservation efforts and the state had numerous measures in direction of environmental conservation and preservation.
The Chief Minister stated that such film festivals play a crucial role in drawing attention to the important issue of wetlands. He said that the protection of wetlands and lakes was essential for survival of our society and future generations and the lessons young people learn through these films would play a significant role in preserving our wetlands.


उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश समूचे उत्तर भारत को प्राण वायु प्रदान करता है और सरकार वनों की रक्षा के लिए महिला समूहों को शामिल कर कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में अनेक कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के फिल्म उत्सव वैटलैंड के महत्त्व और इससे सम्बंधित मुद्दों को प्रदर्शित करते हैं। वैटलैंड और झीलें हमारे समाज और आने वाली पीढ़ियों के अस्तित्व के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। वैटलैंड्स के महत्त्व पर आधारित ये फिल्में युवाओं को इनके संरक्षण के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित करेंगी। उन्होंने वैटलैंड्स के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कार्य करने वाले सभी हितधारकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि हालांकि वैटलैंड्स पृथ्वी की सतह के 6 प्रतिशत हिस्से को कवर करते हैं, इसके बावजूद दुनिया में पाई जाने वाली लगभग 40 प्रतिशत पौधों और जीव-जन्तुओं की अनके प्रजातियों की यह निवास स्थली है। उन्होंने कहा कि समृद्ध जैव विविधता के अतिरिक्त ये वैटलैंड्स प्रदेश के लोगों को पानी, भोजन और आजीविका उपलब्ध करवाते हैं।

He lauded the efforts of all stakeholders for the conservation and preservation of the wetlands and said that wetlands cover only six percent of the Earth’s surface, yet they were home to nearly 40 percent of the world’s plant and animal species. In addition to their rich biodiversity, wetlands provide water, food and livelihoods to the people of the state.
Chief Secretary Prabodh Saxena, environmentalist and founder of the People’s Science Institute Dr. Ravi Chopra and independent expert Dr. Somnath Bandopadhyay, former professor at Nalanda University, also spoke on the occasion.
DC Rana, Member Secretary of HIMCOSTE, welcomed the Chief Minister while Kirtiman Awasthi, Project Manager of Wetlands Management for Biodiversity and Climate Protection presented the vote of thanks.


इस अवसर पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पर्यावरणविद् एवं पीपुल्स साईंस इंस्टीट्यूट के संस्थापक डॉ. रवि चोपड़ा और विषय विशेषज्ञ एवं नालंदा विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर डॉ. सोमनाथ बंदोपाध्याय ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।
हिमकोस्टे के सदस्य सचिव डी.सी. राणा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
वैडलैंड्स मनैजमेंट ऑफ बायोडावर्सिटी एंड क्लाईमेट प्रोटेक्शन के परियोजना प्रबंधक कीर्तिमान अवस्थी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायकगण सुरेश कुमार, विवेक शर्मा, नीरज नैयर, विनोद सुल्तानपुरी एवं सुदर्शन बबलू, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के पंत एवं औंकार चंद, शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप और अन्य गणमान्य इस अवसर पर उपस्थित थे।
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