प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ में प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक वैज्ञानिक पीताम्बर सिंह नेगी ने मुख्य अतिथि कर्नल मोहन सिंह, सेनानायक,133-इको-टास्क फोर्स, कुफ़री, शिमला एवं कार्यक्रम में आए विभिन्न पंचायतों के सदस्य, शिमला शहर के महाविद्यालयों से आए छात्रों, इको-टास्क फोर्स के सैनिकों और एनजीओ के सदस्यों का किया स्वागत ।
इस अवसर पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का रूपरेखा प्रस्तुत की ।
IBEX NEWS,शिमला।
हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान, शिमला द्वारा “ओक प्रजातियों की बीज, नर्सरी एवं रोपण तकनीक” पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम अन्य हितधारकों के लिए 23 से 25 अक्तूबर, 2024 को हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान, शिमला में आयोजित किया जा रहा है। । इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ में प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक वैज्ञानिकपीताम्बर सिंह नेगी ने मुख्य अतिथि कर्नल मोहन सिंह, सेनानायक,133-इको-टास्क फोर्स, कुफ़री, शिमला एवं कार्यक्रम में आए विभिन्न पंचायतों के सदस्य, शिमला शहर के महाविद्यालयों से आए छात्रों, इको-टास्क फोर्स के सैनिकों और एनजीओ के सदस्यों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश में बान की पाँच प्रजातियाँ पाई जाती है और इन प्रजीतियों का सामाजिक, आर्थिक, एवं पारिस्थितिकी की दृष्टि से बहुत उपयोगिता है।
उन्होंने कहा कि यह तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भारत सरकार की पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वित पोषित किया गया है । तत्पश्चात उन्होंने सभागार में मौजूद प्रशिक्षिणार्थियों के समक्ष तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का रूपरेखा प्रस्तुत किया ।
इस के उपरांत हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान, शिमला केनिदेशक डा० संदीप शर्मा द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में आए मुख्य अतिथि एवं समस्त प्रशिक्षिणार्थियों का स्वागत एवं संबोधित किया गया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि कर्नल मोहन सिंह, सेनानायक,133-इको-टास्कफोर्स, कुफ़री, ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा की ओक प्रजातियाँ चारा, जलावन की लकड़ी एवं अन्य उत्पाद मुहैया करवाती है। उन्हों ने कहा की यह प्रशिक्षण कार्यक्रमअन्य हितधारकों के लिए अत्यंत लाभप्रद सिद्ध होगी, क्यों की इस प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षिणार्थियों को बान प्रजातियों की बिभिन्न पहलुओं पर वैज्ञानिको द्वारा विस्तृत जानकारी दी जाएगी। अन्त में उन्होंने ये भी आग्रह किया की प्रशिक्षिणार्थी अपने क्षेत्र में जा कर स्थानिये समुधायों को इस बारे में अवगत करवाएँ, ताकि इन का संरक्षण हो सके । इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 30 प्रशिक्षिणार्थी भाग ले रहें है । अन्त में डा. स्वर्ण लता, वैज्ञानिक ने मुख्य अतिथि, संस्थान के निदेशक, वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं सभागार में मौजूद समस्त प्रशिक्षिणार्थियों एवं कर्मचारियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया । इस के अलावा उन्होंने ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का भी तहे दिल से आभार व्यक्त किया कि उन्होंने हिमालयन वनअनुसंधान संस्थान, शिमला को इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए चुना एवं वितिय सहायता प्रधान की गई ।