खिमलोगा दर्रे में फंसे शव को ग्लेशियर्स की खाई से निकाल लाए भारत मां के सपूत। इंडियन आर्मी को सलाम। 8दिन बाद मिले ट्रैकर्स शव को देखकर भारत के आखिरी गांव छितकुल में नम हुई लोगों की आंखे। घंटों चले ऑपरेशन के बाद खाई पाट कर निकाला शव।

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5248मीटर की ऊंचाई वाले दर्रे से छितकुल पहुंचाया,जिला प्रशासन किन्नौर में पहुंचे परिजनों को सौंपेगा शव।

मनजीत नेगी/IBEX NEWS, शिमला

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के छितकुल गांव के ऊंचे दर्रे खिमलोगा में मौत के मुंह में समाए ट्रैकर के शव को एनडीआरएफ दल के जवान आज सुरक्षित ले आए। 5248मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस दर्रे पर भारत मां के स्पूत जिला उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक के आग्रह पर पहुंचे और ग्लेशियर्स की खाई से ट्रैकर शव को खोज निकाला।

इससे पहले क्विक रिस्पॉन्स टीम में होमगार्ड,पुलिस का बहु सदस्य दल काफी मशक्त के बाद शव को खाई से नहीं निकाल पाए। इतनी ऊंचाई को पाटने में हालांकि क्यूआरटी प्रशिक्षित नही थी तब भी अन्य फंसे लोगों को ये बचाव दल सुरक्षित लाया। इसके बाद जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ के विशेषज्ञों की मदद ली थी।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत ” एक खतरनाक आपदा स्थिति या आपदा के लिए विशेष प्रतिक्रिया के उद्देश्य से ” गठित एक भारतीय विशेष बल है। इस जैसे कार्य में निपुण हैं। जिन्होंने इस कठिन मिशन को सफल बनाकर अपनी ताकत और सूझबूझ का लोहा एकबार फिर मनवाया है।

डोगरा स्काउट्स ऊंचे गगनचुंबी पहाड़ों को चीर कर फतह करने में माहिर है। ट्राई पीक ब्रिगेड के सहयोग से इस मिशन को कामयाब बनाया गया।जिला उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने राज्य सरकार,रेजिडेंट कमिश्नर पश्चिम बंगाल न्यू दिल्ली, जस्सूर कांगड़ा14 एनडीआरएफ कमांडेंट को आज पत्र लिख कर आग्रह किया था कि फंसे ट्रैकर शव के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जाए।

दीगर हो कि उत्तरकाशी से 28 अगस्त 2022 को 3 ट्रेकर व 6 पोर्टर हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के छितकुल के लिये रवाना हुए थे।

3सितंबर को हादसा हुआ। एक ट्रेकर सुजॉय डुले की खिमलोगा दर्रे को पार करते हाथ से रस्सी छूटने के चलते मौके पर ही मौत हो गई है ।वे ग्लेशियर की गहरी खाई में समा गया। जबकि दूसरा ट्रेकर 49 वर्षीय सुब्रोतो विश्वास इस दौरान घायल हो गया ।सुब्रोतो बिसवास को सांगला में प्राथमिक उपचार के उपरांत रामपुर के लिए रैफर किया। अन्य को सुरक्षित बचाया गया।आज जैसे ही शव को विभिन्न फोर्स के जवानों ने छितकुल पहुंचाया लोगों की आंखे नम हो गई।

अब सख्त है सरकार। हादसों से सबक। किन्नौर ट्रेकिंग रूट बैन।

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राज्य सरकार ने उत्तराखंड सरकार को सूचित किया है उत्तरकाशी से किन्नौर की और से यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया है। अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाईं अमल मे लाई जाएगी। इस रूट पर बीते दिनों और पिछले साल हुए हादसों का जिक्र करते हुए उत्तराखंड सरकार को चेताया गया है। उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने जारी पत्र में कहा है कि बीते साल 2दुर्घटनाएं हुई,10लोग इस रास्ते मौत का ग्रास गए।12लोग घायल हो गए।2लोग लापता हैं। इस बार इस वर्ष भी यही हुआ है।

बार बार एडवाइजरी आदि से चेताए जाने के बावजूद लोगों का चार्म रूट पर कम नहीं हुआ है। लोग मान ही नहीं रहे हैं। इन लोगों की वजह से बचाव दल की जान पर संकट घिर जाता है। क्विक रिस्पॉन्स टीम में आइटीबीपी, पुलिस, होम गार्ड के सुरक्षा जवानोंको अपनी जान जोखिम में डालने को मजबूर होना पड़ता है। इसलिए तत्काल प्रभाव से अब यात्रा पर बैन लगा दिया गया है।

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