सिल्क्यारा टनल से 19 दिन बाद लौटे विशाल को गले लगा फफक उठी मां ,खूब पुचकारा और दादी ने दुलार किया ।आरती उतारकार सभी ने किया स्वागत।कहा, ज्यादातर समय सो कर गुजारा।

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विशाल ने कहा अधिकतर समय कई खेलों को खेलकर और टहल कर बिताया जिससे मानसिक दबाव नहीं बन पाया।

परिवार वालों ने अन्य रिश्तेदारों और ग्रामीणों संग नाच गाकर उनका जोरदार स्वागत किया

IBEX NEWS,शिमला।

पड़ौसी राज्य उत्तराखंड में सिल्क्यारा सुरंग हादसे में 17 दिन टनल में गुजारने के बाद शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के गांव भंगोट निवासी 20 वर्षीय विशाल आखिरकार अपने घरवालों के बीच पहुंच गया है। रेस्क्यू टीम और उत्तराखंड सरकार द्वारा विशाल को दिए इस नए जीवन के लिए परिजन उनका आभार व्यक्त कर रहे हैं।विशाल के 19 दिनों बाद घर पहुंचने से पूर्व परिवार वालों ने अन्य रिश्तेदारों और ग्रामीणों संग नाच गाकर उनका जोरदार स्वागत किया और सभी लोग पलकें बिछाए अपने लाडले का घर पहुंचने का सुबह से इंतजार कर रहे थे। जैसे ही विशाल अपने पिता और भाई सहित घर पहुंचा तो उसकी माता और दादी ने अपने बेटे की आरती उतारी और सकुशल पहुंचने पर फूट-फूट कर रोने से अपनी खुशी का इजहार किया।मौके पर मौजूद लोगों ने ‘विशाल ठाकुर जिंदाबाद’ और ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के नारे लगाकर 41 श्रमवीरों के सफल रेस्क्यू पर केंद्र और उत्तराखंड सरकार का धन्यवाद प्रकट किया। इसके उपरांत विधायक बल्ह इंद्र सिंह गांधी, जिला परिषद सदस्य रिवालसर प्रियंता शर्मा और जिला मंडी भाजपा अध्यक्ष निहाल चंद शर्मा ने विशाल और उसके परिजनों का स्वागत कर सम्मानित किया गया। विशाल और उसके परिजन ने प्रदेश सरकार से हिमाचल में ही रोजगार मुहैया करवाने की मांग की है। 

विशाल ठाकुर ने कहा कि टनल में फंसने के दौरान बिताए गए समय को वे कभी भूल नहीं पाएंगे। टनल में श्रमवीरों ने अपना अधिकतर समय विभिन्न खेलों को खेलकर और टहल कर व्यतीत किया। इससे श्रमिकों के ऊपर मानसिक दबाव नहीं बन पाया। ज्यादातर समय सो कर गुजारा गया। हादसे वाले दिन जब वह अन्य श्रमिकों के साथ टनल से बाहर निकल रहे थे तो उन्हें मलबा आने के कारण रास्ता बंद होने की जानकारी प्राप्त हुई। इसके उपरांत सबसे पहले श्रमिकों द्वारा ऑक्सीजन पाइप को खोला गया।

       विशाल ठाकुर ने कहा कि टनल में फंसने के शुरुआती घंटे सभी श्रमिकों के डर के साए में गुजरे और बाहर किसी भी व्यक्ति हमारा संपर्क नहीं हो रहा था। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डॉक्टरों की टीम और अन्य अधिकारियों द्वारा श्रमिकों के साथ संपर्क किया जा रहा था। विशाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और स्थानीय बल्ह विधायक इंद्र सिंह गांधी द्वारा टनल से बाहर निकलने पर फोन के माध्यम से बातचीत की गई।