एमएस न्यूरोसर्जन डॉक्टर जनक राज ने सरकार को सौंपा इस्तीफा।3महीने का नोटिस दिया।जनता के बीच जाकर नब्ज देखना चाहते है डॉक्टर राज।

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IBEX NEWS, शिमला

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर जनकराज आज से लोगों की सेवा करने फील्ड में उतर गए है।जनता के बीच जाकर वे राजनीति के क्षेत्र से आम जनता की नब्ज टटोलना चाहते है ताकि सीधे तौर पर स्थाई इलाज समाज के पिछड़े,गरीब,कठिन इलाकों के लोगों का हो पाए। एक न्यूरो सर्जन चिकित्सक के नाते ऐसी सेवाएं एक जगह सीमित दिखी और दिल खोल कर जनता के बीच जाने के मन की बात को स्वीकार करते हुए आज डॉक्टर जानकराज ने एमएस पद से इस्तीफा का नोटिस सरकार को थमा दिया है।

वर्ष 2014से उन्होंने बतौर एमएस सेवाएं यहां शुरू की थी और अब राजनीति से अपनी सेवाओं को विस्तार देना चाहते है। उन्होंने माना कि वे इलाके के लोगों की मांग पर उनके साथ रहकर उनका दुख हरण करना चाहते हैं।अपने गृह क्षेत्र जिला चंबा के भरमौर से भाजपा के टिकट पर वे चुनाव लड़ना चाहते है। वर्तमान में विधायक जियालाल यहां बीजेपी से है।इस आगामी चुनाव में डॉक्टर जनक इस सीट के लिए डॉक्टरी को अलविदा कह चुके है और आज से मैदान में डट गए हैं। लोगों के कठिन समय में सहयोग करना वे कभी नहीं भूले। यही वजह है कि आईजीएमसी एमएस रूम के बाहर भी लंबी कतारें लोगों की हमेशा दिखती रही है।

जनता के बीच जाकर वे भाजपा सरकार की योजनाओं को लेकर हमेशा से ही सजग दिखे है।स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को उन्होंने प्रदेश के प्रीमियर चिकित्सा संस्थान में बेहतर तरीके से लागू की। अनेकों बार सरकार ने इस बाबत उनकी पीठ थपथपाई है वहीं पुरस्कार से भी नवाजे जा चुके है।

यहीं नहीं न्यूरो सर्जरी के क्षेत्र में भी उनका कोई सानी नहीं। कठिन से कठिन ऑपरेशन कर आईजीएमसी के न्यूरो सर्जरी विभाग को विशेष पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। पहले ऐसे मरीज आर्थो विभाग के स्पाइनल विशेषज्ञ की सेवाएं लेने को मजबूर होते रहें है, मगर न्यूरो सर्जन के रूप में डॉक्टर जनक राज की तैनाती के बाद न्यूरो सर्जरी विभाग में दिमाग के ऑपरेशन सफलतापूर्वक हुए।

आईजीएमसी के न्यूरो सर्जरी विभाग में अन्य चिकित्सक भी अब मौजूद है, मरीजों को यहां इलाज करवाने में परेशानी नहीं होगी। विभाग में अभी भी चार असिस्टेंट प्रोफेसर कार्यरत हैं।