डॉ० संतोष मांटा होंगी सिस्टर निवेदिता गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज की प्रधानाचार्य। इसी संस्थान में पढ़ी ,प्रधानाचार्य की कुर्सी की कमान सम्भालेंगी अब।

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IBEX NEWS,शिमला।

हिमाचल प्रदेश सरकार ने सोमवार को डॉ० संतोष मांटा को सिस्टर निवेदिता गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज का प्रधानाचार्य बनाया है। इससे पूर्व वह इस पद पर कार्यवाहक प्रधानाचार्य को रूप मे कार्य कर रही थी ।आज प्रदेश सरकार ने आदेश जारी करते हुए उन्हें नर्सिंग कॉलेज का नियमित प्रधानाचार्य नियुक्त किया है। उल्लेखनीय है कि सिस्टर निवेदिता गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज प्रदेश सरकार का सबसे बड़ा नर्सिंग कॉलेज है जहां बेसिक बीएससी, पोस्ट बेसिक बीएससी, एमएससी नर्सिंग सहित क्लिनिकल साईड के विभिन्न कोर्सिस पढ़ाए जाते हैं। उनकी विभागीय पदोन्नति बैठक 27 फरवरी 2023 को हुई थी जिसमें उन्हें सिस्टर निवेदिता गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज की प्रधानाचार्य पद पर तैनाती देने की सिफारिश सरकार से की गई थी। जिस पर आज हिमाचल प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर दिए।

डॉ० संतोष मांटा इससे पूर्व इसी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्य कर रही थी जिन्हें अब प्रोफेसर कम प्रिंसिपल के पद पर तैनाती दी गई है। डॉक्टर संतोष मांटा रोहडू तहसील के भमनोली गांव की रहने वाली है।

उनका जन्म जिला शिमला के तहसील कोटखाई के क्यारी गांव में बागवान ध्यान सिंह शर्मा के घर में हुआ उनकी माता का नाम लीला देवी है। जबकि वह पूर्व कर्मचारी नेता रोशन लाल मांटा की पुत्रवधू है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा कोटखाई के क्यारी हाई स्कूल से हुई । जिसके बाद उन्होंने पहले आईजीएमसी स्थित नर्सिंग स्कूल से नर्सिंग डिप्लोमा किया और 5 साल तक अपनी सेवाएं कोटगढ़ हॉस्पिटल में दी। जिसके बाद दीनदयाल अस्पताल में कार्य किया। उन्होने अपनी शिक्षा को आगे जारी रखते हुए पीजीआई से पोस्ट बेसिक डिग्री करते हुए बीएससी नर्सिंग की डिग्री हासिल की इसके बाद आईजीएमसी नर्सिंग स्कूल में बतौर नर्सिंग ट्यूटर पदोन्नत होकर अध्यापन का कार्य किया।

वर्ष 2010 में स्कूल से कॉलेज बने सिस्टर निवेदिता नर्सिंग कॉलेज में बतौर क्लिनिकल इंस्ट्रक्टर सेवा आरंभ की इसके बाद अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाते हुए 2012 मे बाबा फरीद यूनिवर्सिटी फॉर हेल्थ साइंसेज पंजाब से मनोचिकित्सा नर्सिगं में एमएससी की व 2019 मे पीएचडी कर डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की। इसके बाद लगातार अध्यापन के कार्य करते हुए एसएनजीएनसी के प्रधानाचार्य पद पर पहुंची।