IBEX NEWS,शिमला।
सदन में सोमवार को लोकतंत्र प्रहारी सम्मान विधेयक पर विपक्ष ने खूब नारेबाजी की और हंगामा करते हुए वाकआउट कर दिया। वहीं कांग्रेस सरकार ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने लोकतंत्र प्रहरियों का अपमान किया है। ये लोकतंत्र प्रहरी अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी रहे हैं। इन सबने मिलकर इमरजेंसी के विरोध में आवाज बुलंद की थी। इसके बाद इन नेताओं को जेल में डाला गया। आपातकाल के समय मीडिया की स्वतंत्रता को भी छीना गया। ये वही लोग थे, जो आपातकाल का विरोध करने के बाद जेल भेजे गए। ये लोग देश के लोकतंत्र को बचा रहे थे।
वहीं संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि तीन-तीन पेंशन लेने वाले भाजपा के चहेते करोड़पतियों को सम्मान दिया गया। इनमें भाजपा नेता शांता कुमार, सुरेश भारद्वाज, राधा रमण जैसे नेता रहे हैं। इससे प्रदेश सरकार पर हर साल 3.47 करोड़ का बोझ पड़ रहा था। इससे पहले विधायक सतपाल सत्ती ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने वालों के लिए यह विधेयक अपमान करने वाला है। इस विधेयक को तुरंत वापस लिया जाए। यह विधेयक लाने से पहले सरकार इसमें एक लाइन जोड़ दे कि यह आपातकाल का विरोध करने वालों के खिलाफ लाया गया है।
यह सम्मान उन सभी दलों के नेताओं के लिए लाया गया है, जो आपातकाल का विरोध कर रहे थे। विधायक विपिन परमार ने कहा इमरजेंसी का विरोध करके लोकतंत्र को बचाया गया। मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि लोकतंत्र प्रहरियों को स्वतंत्रता सेनानी बनाने की कोशिश की गई है। ये केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए किया गया है। मंत्री जगत सिंह ने कहा कि भाजपा ने अपने चहेतों को फायदा पहुंचाया है। मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विपक्ष के वाकआउट पर कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह को दिल्ली जाना था और मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य खराब था। इस कारण से वह सदन में मौजूद नहीं रहे।