IBEX NEWS,शिमला।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज काजा में भारत सरकार में ऊर्जा सचिव, आलोक कुमार से भेंट की और राज्य के विद्युत परियोजनाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने 210 मेगावाट की लुहरी-1, 172 मेगावाट लुहरी-2, 382 मेगावाट सुन्नी, और 66 मेगावाट की धौलासिद्ध परियोजनाओं सहित अन्य जलविद्युत परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार और सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएनएल) के मध्य हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इन परियोजनाओं में हिमाचल प्रदेश को क्रमबद्ध हिस्सेदारी की पेशकश राज्य के लोगों के साथ अन्याय है।
उन्होंने केंद्र सरकार से इन समझौतों का पुनः परीक्षण करने का आग्रह किया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश को इन बिजली परियोजनाओं के स्वामित्व हस्तांतरण के लिए 75 वर्षों की एक निश्चित समय सीमा का भी आह्वान किया, क्योंकि वर्ष 2019 के बाद परियोजनाओं के लिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों में यह समय सीमा 70 वर्ष है।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न बिजली परियोजनाओं में भागीदारी में वृद्धि पर चर्चा करते हुए आग्रह किया कि बीबीएमबी, एसजेवीएनएल और एनजेपीसी जैसी कंपनियों की पहले ही अपनी लागत वसूल कर चुकी पनबिजली परियोजनाओं में राज्य को 40 प्रतिशत हिस्सा प्रदान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब के साथ 110 मेगावाट की शानन जलविद्युत परियोजना के लिए पट्टे की अवधि वर्ष 2024 में समाप्त हो जाएगी। उन्होंने बल देते हुए कहा कि पट्टे की अवधि समाप्त होने के बाद हिमाचल प्रदेश को उसका उचित हिस्सा मिलना चाहिए।
बैठक में विधायक रवि ठाकुर और एसजेवीएनएल के सीएमडी नंद लाल शर्मा भी उपस्थित थे।
.0.