सम्मानित 9वें लोछेन टुल्कु रिनपोछे के नेतृत्व में खोज समिति ने आधिकारिक रूप से 9वें खुनु युलग्याल टुल्कु रिनपोछे के पुनर्जन्म की घोषणा की।तांत्रिक विद्या के सबसे बड़े गुरु माने जाते है ये रिनपोछे।
विशेष बात ये है कि पाँच साल के बालक के रूप में पहचाने गुरु पहले बोलते द और अब एक या दो सालों से बोलना बंद कर दिया है।धार्मिकतौर से इस बात को कहाँ जा रहा है कि वे गद्दी सम्भालने के बाद स्वयं बातचीत प्रारंभ कर सकते हैं।
टाशीगंग में अगस्त माह में होगा बड़ा समारोह।
मनजीत नेगी/ IBEX NEWS,शिमला।
बौद्ध समुदाय के लिए अपार खुशी और श्रद्धा लाने वाली एक महत्वपूर्ण घटना में हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के खरी गोंपा जंगी में एक विशेष समारोह आयोजित किया गया है।सम्मानित 9वें लोछेन टुल्कु रिनपोछे के नेतृत्व में खोज समिति ने आधिकारिक रूप से 9वें खुनु युलग्याल टुल्कु रिनपोछे के पुनर्जन्म की घोषणा की। इस घोषणा ने बौद्ध धर्म में द्रुक्पा कारग्यूद परंपरा के अनुयायियों के बीच पूरे हिमालय क्षेत्र में जश्न और आशीर्वाद की एक लहर पैदा कर दी है।
ज़िला किन्नौर के डुबलिंग वासी पिता की 9वें खुनु युलग्याल टुल्कु रिनपोछे क़रीब पाँच साल के है और अभी स्कूल नहीं गए हैं।इकलौती औलाद है।माँ शल्खर की है और पौंडा में रहते हैं।विशेष बात ये है कि पाँच साल का बालक पहले बोलता था और अब एक या दो सालों से बोलना बंद कर दिया है।धार्मिकतौर से इस बात को बोला जा रहा है कि वे गद्दी सम्भालने के बाद स्वयं बातचीत प्रारंभ कर सकते हैं।
खुनु युलग्याल टुल्कु रिनपोछे का महत्व है कि खुनु युलग्याल टुल्कु रिनपोछे बौद्धों के दिलों में एक पूजनीय स्थान रखते हैं। वह अपने गहन ज्ञान, करुणा और बुद्ध की शिक्षाओं के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते थे। रिनपोछे ने द्रुक्पा कारग्यूद वंश के गहन संरक्षण और प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, अनगिनत व्यक्तियों के आध्यात्मिक जीवन को समृद्ध किया। उनकी शिक्षाएँ ज्ञान के मार्ग पर अभ्यास करने वालों को प्रेरित और मार्गदर्शन करती रहती हैं।
एक उच्च कोटि के आध्यात्मिक गुरु के पुनर्जन्म की खोज तिब्बती बौद्ध धर्म में एक गहरी पवित्र और जटिल प्रक्रिया है। इस नेक कार्य को करने के लिए प्रतिष्ठित लामाओं और मठवासी समुदाय के वरिष्ठ सदस्यों वाली एक खोज समिति का गठन किया जाता है। समिति संकेतों, सपनों और संकेतों की पहचान करने के लिए एक सावधानीपूर्वक खोज में लगी हुई थी जो उन्हें श्रद्धेय गुरु के सही पुनर्जन्म की ओर ले जा सके।
9वें लोछेन टुल्कु रिनपोछे जी की घोषणा।
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गहन और परिश्रमपूर्ण खोज के बाद, 19वें लोछेन टुल्कु रिनपोछे की अध्यक्षता वाली खोज समिति ने 9वें खुनु युलग्याल टुल्कु रिनपोछे के पुनर्जन्म की घोषणा की। वे नए मान्यता प्राप्त टुल्कु रिनपोछे से आशीर्वाद और शिक्षा प्राप्त करने के अवसर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
खुनु युलग्याल टुल्कु रिनपोछे के पुनर्जन्म की घोषणा न केवल किन्नौर के स्थानीय समुदाय के लिए बल्कि पूरे हिमालयी क्षेत्र के लिए अपार आशीर्वाद लेकर आई है। उनके बीच एक प्रबुद्ध गुरु की उपस्थिति को आशा और आध्यात्मिक मार्गदर्शन की किरण के रूप में देखा जाता है। यह एक अनमोल वंश की निरंतरता को दर्शाता है जो सदियों से फैला हुआ है, जो इसे चाहने वालों को सांत्वना, ज्ञान और करुणा प्रदान करता है।
द्रुक्पा कारग्यूद समुदाय पर प्रभाव
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द्रुक्पा कारग्यूद समुदाय, जो द्रुक्पा वंश की शिक्षाओं और प्रथाओं का पालन करता है, खुनु युलग्याल टुल्कु रिनपोछे के पुनर्जन्म की घोषणा होने से अत्यंत हर्ष एवं प्रफुल्लित महसूस कर रहे है।