चंदरताल और बातल में फंसे लोगों को किया गया रेस्क्यू
IBEX NEWS,शिमला।
चंदरताल में फंसे 255 लोगों को रेस्क्यू ऑपरेशन के चौथे दिन रेस्क्यू कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वयं लोसर पहुंच कर रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में लोसर में समीक्षा की थी। इसके बाद जनजातीय मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी को रेस्क्यू टीम के साथ भेजा था। एडीसी राहुल जैन की अध्यक्षता में रेस्क्यू ऑपरेशन का सफल आयोजन हुआ। मंत्री और मुख्य संसदीय सचिव ने रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की ओर 12 जुलाई को डेढ़ बजे कुजुमपास के पास रेस्क्यू टीम को निर्देश दिए । इस दौरान लोसर गांव से कुछ युवाओं की टीम
बातल भेजी गई थी जिसने सूचना दी कि कुछ लोग फंसे है। इसके बाद मंत्री ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह से फोन के माध्यम को इस बारे में अवगत करवाया। मुख्यमंत्री ने तुरंत निर्देश दिए कि दूसरी टीम बनाकर भेजी जाए और हर हाल में रेस्क्यू किया जाए। प्रशासन ने स्थानीय स्पीति के युवाओं की टीम बनाकर गाड़ियों के साथ बातल के लिए रवाना किया गया। करीब रात को 12 बजे बातल से 52 लोगों को रेस्क्यू किया गया और लोसर देर रात पहुंचाया गया।
वहीं चंदरताल में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए रास्ते खोलने का कार्य में तीसरे दिन 26 किलोमीटर सड़क बर्फ से ढकी थी उसे रात 1.25 बजे रेस्क्यू किया गया। तीन जेसीबी लगाई गई थी जिसमें निजी ऑपरेटर, बीआरओ और कंपनी की शामिल थी।करीब रात को 1.45 मुख्यमंत्री ने सेटेलाइट के माध्यम से मंत्री और मुख्य संसदीय सचिव से बात करके रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में अपडेट ली। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि तुरंत लोगों को रेस्क्यू किया जाए। इसके बाद मंत्री ने एसपी मयंक चौधरी, एडीसी राहुल जैन, एसडीएम हर्ष नेगी के साथ बैठक कि और फेसला किया कि सुबह 5.30 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन किया जाएगा। करीब 3 बजे रेस्क्यू करके टूरिस्ट की पहली गाड़ी लोसर पहुंची। यहां पर लोसर महिला मंडल ने खत्तक पहनाकर स्वागत किया । वहीं अल्प हार की व्यवस्था की हुई थी। टूरिस्टों को कुंजम टॉप से काजा तक एचआरटीसी की तीन, टेंपो ट्रेवेलर 10 सहित 17 स्थानीय लोगों की ब्लैरो कैंपर थी।
इन्हें किया गया सम्मानित
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जन जातीय विकास मंत्री जगत नेगी ने तीनों जेसीबी के ऑपरेटर, लोसर, पंगमो के युवा शामिल है । जिसमें नामका, गायलसन, छैरिंग दोरजे, tashi keshang, नामग्याल, तेंजिन जांगपो, टाकपा इशे, पेंबा छेरिंग, तेंजिन कुनफुन, ग्राम पंचायत प्रधान लोसर रिंचिन डोल्मा को सम्मानित किया गया।
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एडीसी राहुल जैन ने कहा कि रेस्क्यू टीम में एसडीएम , तहसीलदार भूमिका जैन, नायब तहसीलदार प्रेम चंद, टी ए सी सदस्य केशांग्ग रैपचिक, वीर भगत, लिदांग, लोसर किब्बर, चिचम, काजा स्पीति के अन्य गांवों के करीब 70 युवाओं के साथ बीआरओ, आईटीबीपी, पुलिस,न्यू एज इंडिया कंपनी और गर्ग एंड गर्ग कंपनी , लंबरदार लोसर को शामिल किया गया था।
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जन जातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा लोसर महिला मंडल और युवक मंडल जिन्होंने रेस्क्यू में भूमिका निभाई है उन्हें 1 लाख रुपए इनाम के तौर पर देने की घोषणा की है। इसके साथ ही महिला मंडल और युवकों को रेस्क्यू ट्रेनिंग कैंप आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन का निरीक्षण कर रहे थे।
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मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने कहा कि स्थानीय लोगों ने जिस हिसाब से इस रेस्क्यू में भूमिका निभाई है वो काबिले तारीफ हैं । जेसीबी ऑपरेटर सुखदेव ने 21 से 18 घंटे लगातार जेसीबी चलाई है। इन्हीं के कारण सारा रास्ता बहाल हो पाया है। स्पीति प्रशासन के अधिकारियों ने काफी बेहतरीन तरीके से रेस्क्यू को अमलीजामा पहनाया।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश से बाढ़ एवं भूस्खलन के बाद राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई गई है। सबसे अधिक प्रभावित कुल्लू जिला तथा लाहौल-स्पिति में फंसे पर्यटकों एवं अन्य लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए पिछले लगभग 60 घण्टे से निरन्तर बचाव अभियान चलाया गया।
मुख्यमंत्री ने कुल्लू एवं मण्डी में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि वह गत तीन दिनों से कुल्लू, लाहौल-स्पिति तथा मण्डी में प्रभावित क्षेत्रों का दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि कुल्लू एवं लाहौल-स्पिति जिला के विभिन्न स्थानों पर लगभग 70 हजार पर्यटक एवं अन्य लोग फंसे हुए थे, इनमें से 60 हजार लोगों की सुरक्षित वापसी की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि इस बचाव अभियान में एक हजार कर्मचारी एवं अधिकारियों ने चौबीसों घण्टे युद्धस्तर पर कार्य करते हुए इसे संभव बनाया।
उन्होंने कहा कि इस विपदा में सबसे चुनौतिपूर्ण बचाव अभियान के तहत लाहौल-स्पिति के चन्द्रताल में फंसे पर्यटकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की गई है। लैंडिंग स्थल उपलब्ध न होने के कारण यहां वायुसेना के लिए हैलीकाप्टर उतारना संभव नहीं था। प्रदेश सरकार की ओर से राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी तथा मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी बचाव अभियान की निगरानी के लिए भारी बर्फबारी के बीच शून्य से नीचे तापमान में तीन जेसीबी मशीनों के साथ तड़के सुबह दो बजे ग्राउंड जीरो (चन्द्रताल) पर पहुंचे। इसके उपरान्त 57 वाहनों के माध्यम से लगभग 250 पर्यटकों को वहां से सुरक्षित काजा लाने के साथ ही यह अभियान पूरा हुआ।
उन्होंने अभियान से जुड़े सभी लोगों का उनके सक्रिय सहयोग एवं अथक प्रयासों के लिए आभार भी व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी भी तीर्थन तथा कसोल क्षेत्र में काफी संख्या में पर्यटक हैं और उनमें से अधिकांश ने अपनी गाड़ियों सहित ही घर वापसी की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि चूंकि भारी बारिश से सड़कों को व्यापक नुकसान पहुंचना है और ऐसे में इन पर यातायात सामान्य करने में समय लग सकता है। प्रदेश सरकार ने उन्हें गाड़ियां वहीं छोड़कर सार्वजनिक परिवहन सेवा के माध्यम से घर वापसी का विकल्प दिया है। पर्यटकों को उनकी गाड़ियों से संबंधित एक पावती भी जिला व पुलिस प्रशासन के माध्यम से दी जाएगी तथा इसी के आधार पर सड़क मार्ग बहाल होने पर उन्हें यह गाड़ियां वापस उपलब्ध करवाई जाएंगी। इन पर्यटकों से संवाद के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी को भी कसोल भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
एक सवाल के जवाब में श्री सुक्खू ने कहा कि तीर्थन तथा कसोल क्षेत्र में कुछेक इजरायली पर्यटक भी हैं और इजरायली दूतावास की ओर से उन्हें अपने स्तर पर हैलीकाप्टर के माध्यम से सुरक्षित निकालने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पर प्रदेश सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि घाटी में सभी विदेश पर्यटक सुरक्षित हैं और उन्हें भोजन सहित सभी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करवाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू में इतनी बड़ी विपदा के बावजूद प्रदेश सरकार ने जनजीवन सामान्य बनाने के लिए पूरी तत्परता से कार्य किया है। क्षेत्र में 48 घण्टों में बिजली तथा पानी की आपूर्ति आंशिक तौर पर बहाल करने के साथ ही मोबाइल सेवा पुनः सुचारू करने में भी सफलता हासिल की है। इसके लिए उन्होंने जिला व पुलिस प्रशासन सहित सभी संबंधित विभागों के प्रयासों की सराहना भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक बाढ़ प्रभावित परिवारों को 50 लाख रुपये की राहत राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राहत राशि में बढ़ौत्तरी करते हुए सभी प्रभावितों को एक-एक लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे।
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