IBEX NEWS, शिमला।
गवाह है कि महिलाओं ने समय-समय पर अपनी बहादुरी और साहस का प्रयोग कर पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चली हैं। moonlake चंद्रताल में फँसे सैलानियों को मौत्त के मुँह से खींच लाने में दमदार भूमिका निभाने वाले लोसर के नौ लोग रहे और उनकी बैकबोन बनी कबाइली महिलायें।उनका ज़िक्र न करना बेमानी होगा।
नौ लोग जो सबसे पहले मूनलेक के अपर वाले एरिया से तीन फुट बर्फ़बारी में 17000 फुट की ऊँचाई से कैंपिंग तक पहुँचे उनके लिए साथ ले जाने के लिये खाने को फूल इंतज़ाम लोसर की महिलाओं ने किया और जब रेस्क्यू पर्यटक पहुँचे तब भी कबाइली महिलाएँ पलक बिछायें रहीं। पूरा ख़ाना महिलाओं ने बनाकर खिलाया।हिमाचल प्रदेश स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष जगत सिंह नेगी ने खूब तारीफ़ की ।उन्हें शाबाशी देते हुए कहा कि समय समय पर ऐसी आपदा की घड़ी में हर पल खड़ी रही है।यहाँ रहने वाली क़बाइली महिलाओं के क़सीदे पढ़े की जब भी कुंजम में आपदा आई हमेशा महिलाएँ साथ में खड़ी रहीं है।
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जन जातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा लोसर महिला मंडल और युवक मंडल जिन्होंने रेस्क्यू में भूमिका निभाई है उन्हें 1 लाख रुपए इनाम के तौर पर देने की घोषणा की है। इसके साथ ही महिला मंडल और युवकों को रेस्क्यू ट्रेनिंग कैंप आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन का निरीक्षण कर रहे थे।
क्यामों गांव के युवा मण्डल के सदस्य तन्जिन वंगज्ञाल रुमबाह, तन्जिन लन्दन, तन्जिन छोपेल, प्रेम कुमार, केसंग मोनलम,टकपा नमगयाल ने भी अभियान में अहम भूमिका निभाई।
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चंदरताल में फंसे 255 लोगों को रेस्क्यू ऑपरेशन के चौथे दिन रेस्क्यू कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वयं लोसर पहुंच कर रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में लोसर में समीक्षा की थी। इसके बाद जनजातीय मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी को रेस्क्यू टीम के साथ भेजा था। एडीसी राहुल जैन की अध्यक्षता में रेस्क्यू ऑपरेशन का सफल आयोजन हुआ। मंत्री और मुख्य संसदीय सचिव ने रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की ओर 12 जुलाई को डेढ़ बजे कुजुमपास के पास रेस्क्यू टीम को निर्देश दिए । इस दौरान लोसर गांव से कुछ युवाओं की टीम बातल भेजी गई थी जिसने सूचना दी कि कुछ लोग फंसे है। इसके बाद मंत्री ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह से फोन के माध्यम को इस बारे में अवगत करवाया। मुख्यमंत्री ने तुरंत निर्देश दिए कि दूसरी टीम बनाकर भेजी जाए और हर हाल में रेस्क्यू किया जाए। प्रशासन ने स्थानीय स्पीति के युवाओं की टीम बनाकर गाड़ियों के साथ बातल के लिए रवाना किया गया। करीब रात को 12 बजे बातल से 52 लोगों को रेस्क्यू किया गया और लोसर देर रात पहुंचाया गया।
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वहीं चंदरताल में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए रास्ते खोलने का कार्य में तीसरे दिन 26 किलोमीटर सड़क बर्फ से ढकी थी उसे रात 1.25 बजे रेस्क्यू किया गया। तीन जेसीबी लगाई गई थी जिसमें निजी ऑपरेटर, बीआरओ और कंपनी की शामिल थी।करीब रात को 1.45 मुख्यमंत्री ने सेटेलाइट के माध्यम से मंत्री और मुख्य संसदीय सचिव से बात करके रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में अपडेट ली। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि तुरंत लोगों को रेस्क्यू किया जाए। इसके बाद मंत्री ने एसपी मयंक चौधरी, एडीसी राहुल जैन, एसडीएम हर्ष नेगी के साथ बैठक कि और फेसला किया कि सुबह 5.30 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन किया जाएगा। करीब 3 बजे रेस्क्यू करके टूरिस्ट की पहली गाड़ी लोसर पहुंची। यहां पर लोसर महिला मंडल ने खत्तक पहनाकर स्वागत किया । वहीं अल्प हार की व्यवस्था की हुई थी। टूरिस्टों को कुंजम टॉप से काजा तक एचआरटीसी की तीन, टेंपो ट्रेवेलर 10 सहित 17 स्थानीय लोगों की ब्लैरो कैंपर थी।
इन्हें किया गया सम्मानित
जन जातीय विकास मंत्री जगत नेगी ने तीनों जेसीबी के ऑपरेटर, लोसर, पंगमो के युवा शामिल है । जिसमें नामका, गायलसन, छैरिंग दोरजे, tashi keshang, नामग्याल, तेंजिन जांगपो, टाकपा इशे, पेंबा छेरिंग, तेंजिन कुनफुन, ग्राम पंचायत प्रधान लोसर रिंचिन डोल्मा को सम्मानित किया गया।
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एडीसी राहुल जैन ने कहा कि रेस्क्यू टीम में एसडीएम , तहसीलदार भूमिका जैन, नायब तहसीलदार प्रेम चंद, टी ए सी सदस्य केशांग्ग रैपचिक, वीर भगत, लिदांग, लोसर किब्बर, चिचम, काजा स्पीति के अन्य गांवों के करीब 70 युवाओं के साथ बीआरओ, आईटीबीपी, पुलिस,न्यू एज इंडिया कंपनी और गर्ग एंड गर्ग कंपनी , लंबरदार लोसर को शामिल किया गया था।
मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने कहा कि स्थानीय लोगों ने जिस हिसाब से इस रेस्क्यू में भूमिका निभाई है वो काबिले तारीफ हैं । जेसीबी ऑपरेटर सुखदेव ने 21 से 18 घंटे लगातार जेसीबी चलाई है। इन्हीं के कारण सारा रास्ता बहाल हो पाया है। स्पीति प्रशासन के अधिकारियों ने काफी बेहतरीन तरीके से रेस्क्यू को अमलीजामा पहनाया।