IBEX NEWS,शिमला।
हिमाचल प्रदेश में अब राजस्व अधिकारी व्हाट्सएप, मेल और एसएमएस के माध्यम से समन की तामील कर करेंगे। हिमाचल प्रदेश सरकार ने विधानसभा मानसून सत्र के पांचवें दिन भू-राजस्व संशोधन विधेयक पेश किया। भू-राजस्व अधिनियम भूमि से संबंधित प्रशासन, हक और लोगों के अधिकारों को विनियमित करता है।
अधिनियम को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए और राजस्व मामलों के निपटान में देरी के कारण लोगों को पेश आ रही कठिनाइयों और समस्याओं का समाधान करने के लिए इस कानून में बदलाव करने का सदन में प्रस्ताव किया गया। विधेयक में कहा गया कि यह एक स्वीकृत तथ्य है कि राजस्व मामलों का अत्यधिक लंबित रहना न्याय प्रणाली की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रहा है।मौजूद अधिनियम के तहत राजस्व मामलों के निपटारे के लिए कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है।
मामलों के निर्णय में देरी की समस्या दूर करने के लिए राजस्व अधिकारियों की ओर से मामलों के निपटारे के लिए समयसीमा का प्रस्ताव किया गया है। विधेयक के तहत राजस्व अधिकारियों को चार महीनों में मामलों का निपटारा करने के लिए समयबद्ध करने का प्रस्ताव है। इसके अतिरिक्त भूमि की इंतकाल कार्यवाहियों की प्रक्रिया में शीघ्रता लाने के आशय से सार्वजनिक नोटिस की अवधारणा को स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है। राजस्व अधिकारियों के समक्ष अपील और अन्य मामलों में देरी माफी का प्रावधान करने का प्रस्ताव भी किया गया है। इसके लिए आवेदक को सक्षम अधिकारी के समक्ष देरी के कारण स्पष्ट करने होंगे।