एचपी शिवा प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में इसको लेकर कार्ययोजना तैयार की गई है। प्रदेश के सात जिलों के 28 ब्लाक में इस योजना के तहत काम किया जाएगा। 

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IBEX NEWS,शिमला।

हिमाचल प्रदेश में अब एक फल, एक क्लस्टर योजना के तहत प्रदेश के सात जिलों के 28 खड़ों में बागबानी होगी। इन 28 ब्लॉकों में चार हजार क्लस्टर बनाए जाएंगे। एचपी शिवा प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में इसको लेकर कार्ययोजना तैयार की है। सात जिलों के 28 ब्लाक में इस योजना के तहत काम किया जाएगा। हर ब्लॉक में एक-एक फल के कईं क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। प्रोजेक्ट के पहले चरण में अनार, लीची, मौसमी और अमरूद के क्लस्टर बनाए गए। अब इस प्रोजेक्ट के तहत आम, जापानी फल, प्लम और पीकन नट के पौधे लगाए जाएंगे।योजना के पहले चरण में नतीजे बेहद सार्थक आने के बाद अब सात जिलों में इस पर काम किया जाएगा। इस योजना के पायलट प्रोजेक्ट में चार जिलों में क्लस्टर विकसित किए गए हैं। योजना की सफलता को देखते हुए प्रदेश सरकार जल्द ही इसके दूसरे चरण की शुरुआत करेगी। हर ब्लाक में मौसम और जमीन की उत्पादन क्षमता तथा जरूरी संसाधनों की उपलब्धता के मुताबिक यह निर्णय लिया गया है। ऊना, सोलन और सिरमौर में एक-एक ब्लाक, मंडी व कांगड़ा में सात-सात ब्लॉक, हमीरपुर में छह ब्लॉक और बिलासपुर में पांच ब्लॉक इस प्रोजेक्ट के तहत चिह्नित किए हैं। शिवा प्रोजेक्ट को प्रदेश के निचले जिलों में बागवानी को मजबूत करने के इरादे से लागू किया गया है ताकि पारंपरिक खेती के अलावा किसान फलों का उत्पादन कर आय में बढ़ोतरी कर सकें।

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शिवा प्रोजेक्ट की लागत 1,292 करोड़ है। इस प्रोजेक्ट के तहत छह हजार हेक्टेयर एरिया कवर किया जाएगा। आने वाले दो साल में चार हजार हेक्टेयर और उसके एक साल बाद छह हजार हेक्टेयर एरिया को कवर किया जाएगा। पांच साल तक चलने वाले इस प्रोजेक्ट में कुल 15 हजार किसान परिवारों को लाभ मिलेगा। एडीबी की 80 फीसदी और सरकार की 20 प्रतिशत फंडिंग से यह प्रोजेक्ट संचालित किया जा रहा है। 28 ब्लाक में इस योजना के तहत चार हजार क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।

दूसरे चरण के लिए तैयारियां शुरू कर ली गई हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत सात जिलों के 28 ब्लाक में क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। एक क्लस्टर एक फल योजना के तहत यह कार्य किया जाएगा
।-देवेंद्र ठाकुर, परियोजना निदेशक

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