IBEX NEWS,शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के अयोग्य घोषित विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा और निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा एवं अन्य के खिलाफ बालूगंज थाना शिमला में एफआईआर दर्ज की गई है। राज्यसभा चुनाव को लेकर खरीद-फरोख्त और विधानसभा सत्र के दौरान प्रदेश सरकार को अस्थिर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। राकेश शर्मा उत्तराखंड के पूर्व उच्चाधिकारी रहें हैं।कांग्रेस विधायक एवं मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी व विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने यह मामला दर्ज करवाया है। शिमला पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। विधायकों की संयुक्त शिकायत में आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्यसभा चुनाव को लेकर बड़े स्तर पर खरीद-फरोख्त की गई है। राज्य सरकार को सत्ताविहीन करने के लिए हेलिकाप्टर, अर्धसैनिक बलों और गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया।इस बारे में शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने कहा कि शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर आगामी छानबीन अमल में लाई जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि धारा 171ए, 171सी, 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के सेक्शन 7 व 8 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।
कांग्रेस की ओर से अयोग्य घोषित विधायक चैतन्य शर्मा ने उनके पिता पर विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर मामला दर्ज होने पर कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू बौखलाहट में सभी छह विधायकों को तंग करवा रहे हैं। चैतन्य ने आरोप लगाया हैं कि कभी किसी के घर का रास्ता रुकवाकर परेशान किया जा रहा है, तो किसी की संपत्ति का आकलन करवाया जा रहा है।
जब उनके खिलाफ कुछ नहीं मिला, तो उनके पिता के खिलाफ ही झूठा मामला दर्ज करवाकर बदनाम करने का प्रयास किया गया है। चैतन्य और आशीष शर्मा ने कहा कि अभी उनके पास कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं है और न ही एफआईआर की कॉपी आई है। पर्सनली हमें प्रताड़ित कर मुख्यमंत्री को कुछ हासिल नहीं होने वाला।