हिमाचल में पूर्व विधायकों की पेंशन बंद होगी, विधानसभा में आज पेश होगा संशोधन विधेयक, इन ‘विधायकों’ की पेंशन पर छाया संकट।

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मंगलवार को मानसून सत्र में हिमाचल विधानसभा सदस्य, पूर्व MLA पेंशन संशोधन विधेयक लाया जा रहा है। इस विधेयक के पास होने से हिमाचल के 3 निर्दलीय विधायकों तथा 6 पूर्व कांग्रेस विधायकों की एक टर्म की पेंशन खत्म हो जाएगी।

IBEX NEWS,शिमला।
हिमाचल प्रदेश में सरकार से बगावत करने वाले कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों की पेंशन पर संकट मंडरा गया है। मंगलवार को मानसून सत्र में हिमाचल विधानसभा सदस्य, पूर्व MLA पेंशन संशोधन विधेयक लाया जा रहा है। इस विधेयक के पास होने से हिमाचल के 3 निर्दलीय विधायकों तथा 6 पूर्व कांग्रेस विधायकों की एक टर्म की पेंशन खत्म हो जाएगी।नालागढ़ से केएल ठाकुर, देहरा से होशियार सिंह और हमीरपुर से आशीष शर्मा निर्दलीय चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। इनमें से आशीष शर्मा उप चुनाव में जीते है, जबकि केएल ठाकुर और होशियार सिंह उप चुनाव हार गए हैं। विधानसभा में विधेयक पारित होने पर इन विधायकों का 14वीं विधानसभा का कार्यकाल अवैध घोषित हो जाएगा। कांग्रेस इस विधेयक को आसानी से पास भी करवा देगी, क्योंकि 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक है। इससे संशोधन बिल पास कराने में दिक्कत नहीं होगी। पढ़ें

हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के छठे दिन आज विधानसभा के सदस्यों के भत्ते एवं पेंशन के लिए संशोधन विधेयक 2024 लाया जा रहा है। इसमे 2 पूर्व विधायकों गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो की पेंशन बंद करने की तैयारी है। राज्यसभा चुनाव में बीते 27 फरवरी को कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों ने धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो ने क्रॉस वोट किया था।इससे सत्तारूढ़ कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए और बीजेपी के हर्ष महाजन चुनाव जीत गए। क्रॉस वोट के बाद इन पर पार्टी व्हिप के उलंघन के आरोप लगे। इसकी सुनवाई के बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें अयोग्य घोषित किया।
कांग्रेस के छह बागियों में चैतन्य शर्मा और देवेंद्र भुट्टो पहली बार विधायक बने थे। अयोग्य घोषित होने के बाद सरकार इनकी पेंशन बंद करने की तैयारी में है। पूर्व में सभी 6 विधायकों की पेंशन बंद करने की योजना था। मगर कानूनी राय के बाद 2 की पेंशन बंद करने का निर्णय लिया गया, क्योंकि 4 अन्य विधायक पहले भी विधानसभा में सदस्य रह चुके हैं और पेंशन के पात्र है।इनकी सीटों पर हो चुके उप चुनाव
इन 6 विधायकों की सीटों पर उप चुनाव भी हो चुके हैं। क्रॉस वोट करने वाले सभी पूर्व विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। इनमें 4 विधायक जो दिसंबर 2022 में 5 साल के लिए चुन कर आए थे, जनता ने उन्हें उप चुनाव में घर बिठा दिया है। सुधीर शर्मा और इंद्रदत्त लखनपाल ही चुनाव जीत पाए हैं।इस वजह से निर्दलीय विधायकों की पेंशन पर संकट नहीं
चर्चा थी कि 3 निर्दलीय पूर्व विधायकों की भी इस टर्म की पेंशन बंद करनी थी। इनमें से नालागढ़ से केएल ठाकुर, देहरा से होशियार सिंह और हमीरपुर से आशीष शर्मा शामिल हैं। केएल ठाकुर और होशियार सिंह भी पहले भी विधायक रह चुके हैं। इस वजह से इनकी पेंशन बंद करना संभव नहीं है।.वहीं आशीष शर्मा दिसंबर 2022 में पहली बार विधायक चुने गए थे। वह दोबारा चुनाव जीते हैं।
एक बार जीते MLA को 93000 पेंशन
प्रदेश में जो नेता एक बार विधायक बन जाता है, उसे 93240 रुपए पेंशन मिलती है। इसी तरह जो नेता जितनी बार विधायक चुना जाता है, उसकी पेंशन में पांच-पांच हजार रुपए अतिरिक्त जुड़ता जाता है। यानी जो नेता 6 बार विधायक बन चुका है। उसकी पेंशन में 30 हजार अतिरिक्त यानी 123240 रुपए हो जाती है।संशोधन विधेयक पास कराने में नहीं होगी कठिनाई
विधानसभा में विधेयक पारित होने पर इन विधायकों का 14वीं विधानसभा का कार्यकाल अवैध घोषित हो जाएगा। कांग्रेस इसे आसानी से पास भी करवा देगी, क्योंकि 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक है। इससे संशोधन बिल पास कराने में दिक्कत नहीं होगी।

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