सड़कों पर बगीचे के सेबों के पौधों और फलों की चादरें बिछ गई और किसानों और बागवानों की आँखों में पूरा मंजर देखकर आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
IBEX NEWS,शिमला
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर के कल्पा ब्लॉक के पांगी गांव में पीरी ढांक से अचानक चट्टानें गिरने के कारण लगभग 25 बीघा से अधिक भूमि पर सेब समेत अन्य नकदी फसलें तबाह हो गईं। इससे 70 बागवानों और किसानों को उनके बगीचों और खेतों में खड़ी फसलों का बड़ा भारी नुकसान हुआ है।सड़कों पर बगीचे के सेबों के पौधों की और फलों की चादरें बिछ गई और किसानों और बागवानों की आँखों में पूरा मंजर देखकर आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।जारी वीडियो में आप किसानों के हाव भाव देख सकते हैं कि इस हादसे में अपने भाई के बगीचे की हालत देखकर किसान बाग़वान दंग है।
चट्टानों की चपेट में चार दोघरियां भी आईं हैं ये ऐसे घर होते है जहां सर्दियों में लोग रहते है ये एक क़िस्म का अस्थाई मकान होता है और पूरी सुविधाओं से लैस होता है। सुबह करीब साढ़े छह बजे पहाड़ी दरकने से पांगी गांव के प्राणु, तेवनंग और रूमनंग में चट्टानें गिरने से चार लोगों की दोघरियां क्षतिग्रस्त हो गईं। इससे बीरबल नेगी, एवन चंद नेगी, दीनदयाल नेगी और लोक मोहन नेगी को भारी नुकसान हुआ। इसके अलावा करीब 25 बीघा भूमि पर सेब के पौधों और फसलों को नुकसान पहुंचा। 70 बागवान और किसानों के सेब, ओगला, फाफरा, राजमाह, खुमानी, नाशपाती, बादाम और जीरा सहित कई अन्य नकदी फसलें क्षतिग्रस्त हो गईं।दिन भर ऊपरी पहाड़ी से रुक-रुक कर चट्टानों के गिरने का सिलसिला जारी रहा। इसके कारण न तो बागवान-किसान और न ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच पाईं। सूचना मिलते ही एसडीएम कल्पा डॉ. शशांक गुप्ता और नायब तहसीलदार कल्पा रविंद्र सिंह, कानूनगो उरज्ञान दोर्जें नेगी और पटवारी नीतिश नेगी की टीम ने घटनास्थल स्थल का दौरा किया, लेकिन पहाड़ी से लगातार भूस्खलन के कारण वे मौके पर नहीं पहुंच पाए। उन्होंने दूर से ही नुकसान का आकलन किया।
चट्टानें गिरने से सेब और नकदी फसलों को नुकसान पहुंचा है। मौके पर राजस्व विभाग की टीम तैनात है।
जैसे ही पहाड़ी से भूस्खलन बंद हो जाएगा, वैसे ही टीम मौके पर नुकसान का जायजा लेगी।