शिमला के संजौली स्थित मस्जिद में अवैध निर्माण मामले में राज्य सरकार के दो मंत्रियों ने भाजपा पर निशाना साधा।

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IBEX NEWS,शिमला।

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली स्थित मस्जिद में अवैध निर्माण मामले में राज्य सरकार के दो मंत्रियों ने भाजपा पर निशाना साधा है। शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने गुरुवार को संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि वर्ष 2019 में पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान मस्जिद निर्माण के लिए दो लाख रुपये की फंडिंग की गई। यह पैसा प्लानिंग हेड से दिया गया। अनिरुद्ध ने कहा कि सूचना यह भी है कि जयराम ठाकुर ने सीएम रहते मस्जिद निर्माण के लिए 12 लाख रुपये की मदद की है। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि विधानसभा में नगर निगम की ओर से दिए जवाब के अनुसार मस्जिद में पहले एक मंजिल बनी थी। 2010 से 2024 तक इसके ऊपर चार अवैध मंजिलें बनाई गईं। मस्जिद कमेटी संजौली, मौलवी व वक्फ बोर्ड की ओर से अवैध निर्माण को खुद गिराने के लिए नगर निगम आयुक्त के पास आवेदन किया गया है। इसमें अवैध निर्माण गिराने व सील करने की बात कही गई है। उनके फैसले का स्वागत है। यह पूरे देश के लिए एक मिसाल है।

प्रवासियों के मामले पर बनेगी कमेटी : विक्रमादित्य
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि संजाैली में हुए घटनाक्रम को सरकार ने गंभीरता से लिया है। सरकार माहाैल को ठीक करने का प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण कदम संजाैली मस्जिद कमेटी की ओर से उठाया गया है और एमसी आयुक्त को अवैध निर्माण को खुद हटाने का आवेदन दिया है। कहा कि प्रदेश में बाहर से जो प्रवासी आ रहे हैं, उनकी चेकिंग और वेरिफिकेशन होनी चाहिए। इसके लिए बहुत जल्द कमेटी बनाई जाएगी और जनता के सुझाव लिए जाएंगे। इसमें भाजपा विधायकों को भी शामिल किया जाएगा। मस्जिद की तीन मंजिलों का निर्माण कोरोनाकाल में हुआ। कोरोना के समय किसकी सरकार थी, काैन शिमला का मेयर था। ये सब चीजें भी रिकाॅर्ड में आनी चाहिए।

अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि स्ट्रीट हॉकर्स व वेंडर्स के लिए कमेटी भी फाइनल होने जा रही है। कानून में संशोधन के जरिये हिमाचल या हिमाचल के बाहर के सभी स्ट्रीट वेंडर्स के लिए पुलिस सत्यापन अनिवार्य होगा। स्ट्रीट वेंडर जोन बनाए जाएंगे। बाजार में भीड़भाड़ ज्यादा है। लोगों को चलने में दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा कि रियासत काल में 1945-46 की जमाबंदी में यह जमीन राणा साहब बहादुर कोटी के नाम थी। 1951-52 तक प्रांतीय सरकार में धर्म इस्लाम के नाम जमीन का कब्जा रहा। अनिरुद्ध ने कहा कि बीते दिनों में हुई मारपीट मामले में छह लोग नामजद हैं। इनमें दो नाबालिग हैं। ये नाम बदलकर रहते थे।

तत्कालीन जेई के खिलाफ होगी विभागीय जांच
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के शहरी विकास मंत्री ने खुद मस्जिद के माैलाना को ट्रांसफर करने के लिए डीओ नोट दिया था। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मस्जिद मामले में उस समय संजौली वार्ड के जूनियर इंजीनियर के खिलाफ भी विभागीय जांच होगी। बताया जा रहा है कि जब यह मामला न्यायालय में चला तो रिपोर्ट में गलत नाम दिया गया। फेक पार्टी बना दी। पदोन्नत होकर मामला अपने पास लगाया। ऐसे में यह मामला 14 साल तक उलझा रहा।

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