नन्द लाल शर्मा , अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एसजेवीएन की गरिमामयी उपस्थिति में आज शिमला में भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के साथ 18 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए विद्युत क्रय करार  पर हस्ताक्षर किए।

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IBEX NEWS,शिमला।

नन्द लाल शर्मा , अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एसजेवीएन की गरिमामयी उपस्थिति में आज शिमला में भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के साथ 18 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए विद्युत क्रय करार  पर हस्ताक्षर किए।

नन्‍द लाल शर्मा ने अवगत करवाया कि एसजेवीएन ने अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्‍थ कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) के माध्यम से 18 मेगावाट सौर विद्युत के लिए  बीबीएमबी के साथ पीपीए पर हस्ताक्षर किए। यह परियोजना हिमाचल प्रदेश एवं पंजाब राज्यों में बीबीएमबी के भू-भागों पर विकसित की जाएगी। इस परियोजनाको अगस्त 2024 तक कमीशन किया जाएगा । शर्मा ने कहा कि “परियोजना 12 महीनों के भीतर बिल्‍ड ऑन एंड ऑपरेट के आधार पर विकसित की जाएगी और इसमें लगभग 90 करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है।”

नन्द लाल शर्मा ने आगे कहा कि इस परियोजना को पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी द्वारा आयोजित ई-रिवर्स नीलामी में 2.63/- रुपए के टैरिफ पर ओपन प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से हासिल किया गया है। परियोजना प्रचालन के पहले वर्ष में 39.42 मिलियन यूनिट ऊर्जा उत्पन्न करेगी और 25वर्षों की अवधि में संचयी ऊर्जा उत्पादन लगभग 917 मिलियन यूनिट होगा। परियोजना से उत्पादित विद्युत के लिए बीबीएमबी के साथ 25 वर्षों के लिए विद्युत क्रय करार किया गया है। इस परियोजना के कमीशन होने से 44,923 टन कार्बन उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है।

विद्युत क्रय करार पर एसजीईएल के सीईओ श्री अजय सिंह और बीबीएमबी के विशेष सचिव अजय शर्मा ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर,  गीता कपूर, निदेशक (कार्मिक), एसजेवीएन,  अखिलेश्वर सिंह निदेशक (वित्त), एसजेवीएन, सुशील शर्मा निदेशक (विद्युत), एसजेवीएन,  एएस जुनेजा सदस्य (पी), बीबीएमबी,  जेएस काहलों एफए एवं सीएओ, बीबीएमबी और सुरजीत सिंह, निदेशक (पी एंड डी) बीबीएमबी  के साथ एसजेवीएन एवं बीबीएमबी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे ।

विद्युत मंत्रालय के अधीन एक अग्रणी सीपीएसयू, एसजेवीएन ने वर्ष 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट की कंपनी बनने के अपने साझा विजन की ओर आगे बढ़ते हुए तीन वर्षों में 10,000 मेगावाट से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने की योजना बनाई है।