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सार्वजनिक स्थलों पर स्मोकिंग बैन पर लोग लापरवाह,एक साल में 5077मामले पकड़े।

कार्यशाला में क्षेत्रीय अस्पताल के चिक्तिसक डाॅ. कविराज ने किया खुलासा

मनजीत नेगी/IBEX NEWS ,शिमला


हिमाचल प्रदेश में खुले स्थानों पर स्मोकिंग का चस्का अभी भी बरकरार है।सालाना लाखों रुपए राष्ट्रीय कार्यक्रम में जागरूकता के नाम पर फूंके जा रहे है, मगर लोगों को इसके दुष्परिणामों को लेकर लगता है स्वास्थ्य विभाग ऐसा चस्का रखने वालों के ढंग से कान नहीं खींच पाया है।एक साल के भीतर राज्य के एकमात्र जिले में ही 5077केस खुले स्थानों पर धुंआ उड़ाने वाले पकड़े गए है। कटु सत्य ये भी कि हर ऐसे स्थानों पर हर समय स्मोकिंग करने वालों को रोकने के लिए तैनात नहीं है लिहाजा ऐसा आंकड़ा कई गुणा ज्यादा उछाल या छलांग लगा सकता है। ये फर्जी आंकड़े नहीं है बल्कि बुधवार को प्रदेश में तंबाकू नियंत्रण प्रगामी केंद्र (कैच) व डाॅ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल काॅलेज टांडा के सामुदायिक औषधि विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आज जिला किन्नौर स्थित मुख्यालय रिकांग पिओ में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है जिसमें ये आंकड़े सामने आए है।

अध्यक्षता कार्यवाहक उपायुक्त जिला किन्नौर सुरेंद्र सिंह राठौर ने की। इस अवसर पर क्षेत्रीय अस्पताल के चिक्तिसक डाॅ. कविराज ने बताया कि वर्ष 2021-22 के दौरान जिले में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 5077 लोगों के सार्वजनिक स्थानों में तम्बाकू का उपयोग करने पर चालान किए गए हैं।

इससे पहले राठौर ने कहा कि जिले को तम्बाकू मुक्त बनाने के लिए इस तरह की कार्यशाला का आयोजन समय-समय पर करना आवश्यक है तभी जिले के सभी सार्वजनिक स्थानों, संस्थानों, गांव व शहर को तम्बाकू रहित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए लोगों को तम्बाकू के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए ताकि स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सके।
इस अवसर पर कैच संस्था की जिला समन्वयक डाॅ. साक्षी सपहिया ने पावर प्वांइट प्रसेन्टेशन के माध्यम से उपस्थित लोगों को कोटपा धूम्रपान निषेध अधिनियम के बारे में विस्तृत जानकरी दी। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के 4 जिलों लाहौल-स्पीति, कांगड़ा, चम्बा व किन्नौर जिले को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए गत वर्ष से विशेष अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत लोगों को सार्वजनिक स्थानों, संस्थानों, शैक्षणिक संस्थानों, गांव व शहर में तंबाकू उत्पादों के प्रयोग से रोकना है व साथ ही लोगों को व्यक्तिगत रूप से तंबाकू के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करना है।



कार्यशाला में जिला परिषद सदस्य हितैष नेगी, पुलिस अधीक्षक अशोक रत्न, पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधि, उपनिदेशक प्रारम्भिक शिक्षा अशोक नेगी, बाॅर काउंसिल के अध्यक्ष राम सिंह नेगी, जिले के विभिन्न हितधारकों सहित व्यापार मंडल के अध्यक्ष सूरज भान उपस्थित थे।