CM himachal: 3500 करोड़ ₹का आपदा राहत पैकेज घोषित, दो से तीन बिस्वा जमीन भी देगी सरकार।

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IBEX NEWS,शिमला।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश के लिए शनिवार को 3500 करोड़ रुपये के आपदा राहत पैकेज की घोषणा कर दी है। सचिवालय में प्रेस वार्ता में सीएम सुक्खू ने कहा कि सात जुलाई को मानसून ने अपना कहर बरपाना शुरू किया। हमने पहले कभी ऐसा तबाही का मंजर नहीं देखा। लोगों ने आपदा राहत कोष में खुलकर दान दिया है। यह आंकड़ा 200 करोड़ 54 लाख रुपये पहुंच चुका है।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि 3500 करोड़ रुपये आपदा प्रभावितों के पुर्नउत्थान के लिए देने जा रहे हैं। आपदा में 3500 घर पूरी तरह नष्ट हैं। 13 हजार घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हैं। इस पैकेज के तहत आय की सीमा हर काम के लिए खत्म कर दी गई है। आपदा विशेष राहत का समय 7 जुलाई से 30 सितंबर तक रहेगा। आपदा से प्रभावित भूमिहीन लोगों को जमीन दी जाएगी। 

दो बिस्वा शहरी क्षेत्र में और तीन बिस्वा जमीन ग्रामीण क्षेत्र में घर बनाने के लिए दी जाएगी। आपदा में जिसकी जमीन घर बनाने लायक नहीं बची है वो भी पात्र माना जाएगा। घर के पानी व बिजली कनेक्शन का खर्च भी सरकार उठाएगी। सरकारी रेट पर 280 रुपये के हिसाब से सीमेंट की बोरी मिलेगी। 

जो व्यक्ति लंबे समय से हिमाचल में रहे हैं और उनके पास भूमि नहीं हैं उनको भी सरकार भूमि देगी। मंडी में स्वीपर नदी के किनारे रह रहे हैं। ऐसे लोगों को भी भूमि दी जाएगी। आपदा से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ा है। संस्थान जितने दिन बंद रहे हैं। उनको अतिरिक्त दिन देकर पढ़ाई कराई जाएगी। 

1,000 करोड़ रुपये की मनरेगा की शेल्फ बनेगी। इसे जोड़ा जाए तो यह पैकेज 4500 करोड़ रुपये का है। केंद्र ने हिमाचल को अभी तक कोई स्पेशल पैकेज नहीं दिया है। कल 1051 करोड़ रुपये जारी हो जाएंगे।


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उन्होंने कहा कि प्रदेश के नगर निगम क्षेत्रों में सफाई कर्मचारी या प्रवासी मजदूर जो निम्न आय वर्ग से संबंध रखते हैं तथा इस आपदा से उनकी रिहायश क्षतिग्रस्त हुई है, उनके पुनर्वास के लिए संबंधित जिलाधीश उपयुक्त भूमि का चयन कर उन्हें संबंधित नगर निगम के सहयोग से पुनर्स्थापित करेंगे।


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मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनके घर आपदा से पूर्णतया नष्ट हो चुके हैं तथा नया घर बनायेंगे, ऐसे परिवारों को बिजली व पानी के कनेक्शन सुविधा का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि इन परिवारों को मकान बनाने के लिए सीमेंट भी सरकारी दरों पर प्रदान किया जायेगा।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि देश में प्राकृतिक आपदा के कारण हुए नुकसान का प्रभाव बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ा है। जहां एक ओर विभिन्न जिलों में आपदा के कारण कुछ दिनों के लिए शिक्षण संस्थान बंद रहे, वहीं कुछ बच्चे उनके घरों और जमीनों के नुकसान के कारण स्कूल नहीं जा पाये। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षण संस्थान जितने दिन बंद रहे उतने दिन बच्चों को अतिरिक्त कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाई करवाई जायेगी। इससे बच्चों की पढ़ाई में आये व्यवधान से हुई क्षति को पूरा किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित लोगों की मदद के लिए पहले दिन से ही हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। आपदा प्रभावित लोगों की सहायता हेतु एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के तहत 750 करोड़ रुपये राहत राशि एवं आवश्यक सेवाओं की बहाली के लिए जिलों को जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोक निर्माण एवं जल शक्ति विभाग को विभिन्न परियोजनाओं के पुनर्निर्माण एवं बहाली के लिए 829 करोड़ रुपये अभी तक जारी किये हैं। इसके अतिरिक्त इन विभागों को 671 करोड़ रुपये पुनर्निर्माण एवं बहाली के लिए शीघ्र जारी किये जाएंगे।
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ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आपदा से प्रभावित परिवार जो कि राहत शिविरों में रह रहे हैं, उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में किराये के मकान में रहने के लिए 5000 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 10000 रुपये किराये के रूप में अगले 6 महीनों तक के लिए सरकार प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त इन परिवारों को रसोई गैस, 20 किलोग्राम आटा, 15 किलोग्राम चावल, 3 किलोग्राम दाल, 2 किलोग्राम चीनी व 2 लीटर तेल भी आगामी 31 मार्च, 2024 तक सरकार द्वारा निःशुल्क प्रदान किया जाएगा।