आपदा राहत कोष-2023 में 200 करोड़ रुपये से अधिक का अंशदानः मुख्यमंत्री ।

Listen to this article

IBEX NEWS,शिमला।

प्रदेशवासियों ने सहानुभूति का असाधारण प्रदर्शन करते हुए आपदा राहत कोष-2023 में 200 करोड़ रुपये से अधिक का अंशदान देकर आपदा के इस समय में एकजुटता का अदभूत परिचय दिया है। इस कोष का उद्देश्य बरसात के दौरान राज्य में हुई मूसलाधार बारिश और भू-स्खलन से भारी नुकसान झेलने वाले परिवारों की राहत एवं पुनर्वास कार्यों द्वारा सहायता करना है। हिमाचल प्रदेश के पुनरुत्थान के लिए यह उदार सहायता राज्य के इतिहास में एक अभूतपूर्व मिसाल है और इस महान कार्य में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू अग्रणी हैं।
कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बीच भी हिमाचल प्रदेश में अंशदान के रूप में 145 करोड़ रुपये की राशि एकत्र हुई थी जबकि आपदा राहत कोष-2023 के लिए परोपकारी सहायता की राशि आशा से अधिक रही है। इस कोष के लिए लोगों द्वारा दी जा रही उदार सहायता आज भी जारी है, जिससे इस कोष में 300 करोड़ रुपये से अधिक की राशि एकत्र होने की उम्मीद है।
बच्चों द्वारा दिया गया मुख्यमंत्री का स्नेहपूर्ण उपनाम ‘सुक्खू सर’ और युवाओं का ‘सुक्खू भाई’ आज आशा और करुणा का पर्याय बन चुके हैं। मुख्यमंत्री ने स्वयं पहल करते हुए अपनी जीवन भर की जमापूंजी इस कोष में दान की है। आवश्यकता के इस समय में आपदा से पीड़ित परिवारों की सहायता के लिए उन्होंने अपनी व्यक्तिगत बचत से इस कोष में 51 लाख रुपये दान दिए। इस नेक कार्य के लिए ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को उन छोटे बच्चों से प्रेरणा मिली जिन्होंने निःस्वार्थ भाव से अपने गुल्लक दान कर दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘अगर बच्चे अपनी बचत दान कर सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं’’?
राहत एवं पुनर्वास के प्रयासों के इस होम में मुख्यमंत्री का परिवार भी सहयोग करने में शामिल हुआ। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की माता जी संसार देवी ने भी इस नेक कार्य के लिए 50 हजार रुपये का दान दिया, जबकि उनकी बहन संजोक्ता देवी ने आपदा राहत कोष के लिए 1,11,111 रुपये का योगदान दिया।
प्रदेश के विभिन्न वर्गों व देश-विदेश से मिली सहायता के फलस्वरूप जो 200 करोड़ रुपये से अधिक आपदाग्रस्त परिवारों की सहायता के लिए प्राप्त हुए हैं वह प्रदेश सरकार का लोगों की सहायता के प्रति अटूट समर्पण एवं मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की असाधारण नेतृत्व क्षमता का प्रमाण हैं। हिमाचल प्रदेश के लोगों को प्रदेश सरकार की साफ नीयत, ईमानदार इरादों और जनहित के प्रति समर्पण पर पूर्ण विश्वास है, खासतौर पर मुख्यमंत्री की मानवीय सरोकारों के प्रति निष्ठा एवं उनके कुशल नेतृत्व पर।
मुख्यमंत्री ने बड़ी संख्या में विभिन्न वर्गोंे द्वारा दिए जा रहे अंशदान के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने प्रदेशवासियों, देश-विदेश में रह रहे लोगों, विभिन्न संगठनों, सरकारी कर्मचारियों एवं पेंशनरों, विधायकों और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा आपदा के कारण पनपी स्थिति से निपटने के लिए और राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए दिए गए अंशदान के लिए सभी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति एवं संगठन द्वारा छोटे-से-छोटा एवं बड़े-से-बड़ा अंशदान प्रदेशवासियों के लिए बराबर महत्त्व रखता है क्योंकि यह संकट के समय में निःस्वार्थ भावना से लोगों की मदद करने का प्रतीक है। इस विकट स्थिति में हिमाचल प्रदेश ने एकता एवं उदारता को नए ढंग से परिभाषित कर यह दिखाया है कि जब कोई समाज एकमत से किसी कार्य को अंजाम देने के लिए कदम उठाता है तो वह किसी भी आपदा पर पार पा सकता है। आपदा राहत कोष-2023 में आ रहे अंशदान यह दिखाते हैं कि आपदा से प्रभावित लोगों की जिंदगी को पुनः पटरी पर लाने के लिए प्रदेश सरकार कृत संकल्पित है।

WhatsApp Group Join Now