हिमाचल के 2 बार के CM प्रेम कुमार धूमल को विधानसभा चुनाव में हराने वाले नेता राजेंद्र राणा ने पार्टी के खिलाफ वोटिंग की वजह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को बताया है।पढ़े विस्तार से उन्होंने क्या कहा है…

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बताते हैं कि राजेंद्र राणा ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला और राष्ट्रीय महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल को फोन करके जानकारी दी कि उन्हें कांग्रेस से कोई दिक्कत नहीं है, बल्कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से है

IBEX NEWS,शिमला।

हिमाचल प्रदेश के 2 बार के CM प्रेम कुमार धूमल को विधानसभा चुनाव में हराने वाले नेता कांग्रेसी नेता राजेंद्र राणा ने पार्टी के खिलाफ वोटिंग की वजह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को बताया है। बताते हैं कि राजेंद्र राणा ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला और राष्ट्रीय महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल को फोन करके जानकारी दी कि उन्हें कांग्रेस से कोई दिक्कत नहीं है, बल्कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से है।

राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री सुक्खू को पद से हटाने की मांग की है और कहा कि कांग्रेस के विधायक वापस आ जाएंगे। इसके बाद पार्टी हाईकमान ने पिछले कल ही आनन-फानन में राजीव शुक्ला को भी शिमला भेजा। इससे पहले की शुक्ला कांग्रेस के नाराज विधायकों से मिल पाते, तब तक वह CRPF और हरियाणा पुलिस जवानों के सुरक्षा घेरे में शिमला से पंचकूला रवाना हो गए।


बताया जा रहा हैं कि कांग्रेस के नाराज विधायकों ने हाईकमान को कह दिया है कि वह इस्तीफा देने को भी तैयार है। इससे कांग्रेस सरकार खतरे में आ गई है। सूत्र बताते हैं कि डूबती नैया को बचाने के लिए पार्टी हाईकमान अब मुख्यमंत्री बदलने को लेकर भी विचार करने को मजबूर हो गया है। ऐसा नहीं किया गया और पहले की तरह अड़ियल रवैया रखा गया तो सरकार का गिरने की भी आशंका है।अब नजरअंदाज किया तो सरकार पर आएगा संकट
मुख्यमंत्री सुक्खू के खिलाफ इसलिए माहौल बनता जा रहा है क्योंकि 68 में 40 विधायक होने के बावजूद कांग्रेस की हार हुई है। अब तक पार्टी हाईकमान को कांग्रेस प्रतिभा सिंह, राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा सहित कांग्रेस के कई नेता शिकायत करते रहे है, लेकिन तब सभी नेताओं की शिकायत को नजरअंदाज किया गया।इससे आज सरकार पर संकट की स्थिति पैदा हुई है। मगर राजेंद्र राणा सहित कांग्रेस के छह विधायकों की खुली बगावत ने कांग्रेस हाईकमान को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इसी तरह जब सुक्खू सीएम बने थे तो उस दौरान भी होली लॉज समर्थकों ने उनका विरोध किया था। मगर तब हाईकमान ने उन पर भरोसा जताया था।