बहु के सिर पर गिरा चूहे को दबोचे हुए जहरीला सांप,धर्मशाला अन्दराड़ की घटना। ससुर ने जान पर खेलकर बचाया। मनजीत नेगी/IBEX NEWS शिमला

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अपनी ही धुन में स्वार जल्दी जल्दी सुबह वह रसोई घर का काम निबटा ही रही थी कि अचानक सिर पर कुछ भारी चीज गिर गई। वह भौचक्की रह गई जुबान गले में अटक गई और आंखे फटी रह गई।हिम्मत करके चीखी तो ससुर की होशियारी ने धर्मशाला में बहू की जान बचा ली।

Photo courtesy vishal raina

दरअसल बहु के सिर पर रैट स्नेक बेहद जहरीला सांप छत से गिरा था।जो अपने एक दंश में 80हजार रोडेंट्स (चूहे से लेकर खरगोश तक के प्राणी) को मारने का दम रखता है। सांप ने अपने आगोश में एक बड़े चूहे को ले रखा था और धीरे धीरे उसकी सांसे निकालने की कोशिश में जुटा था। शायद तभी बहु की जान बच पाई, ऊपर से ससुर ने एक पिता से भी अधिक भगवान की भूमिका निभाई। बहु की चीख सुनकर ससुर ने बिजली से तेज गति से चूहे दबोचे सांप को काबू किया। नहीं तो बहु पानी भी न मांग पाती।ये काल्पनिक कहानी नहीं है।

बल्कि गांव अंदराड़,पोस्ट ऑफिस टंग नरवाना,तहसील धर्मशाला जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश के फंडी राम के घर की है।वे दैनिक वेतन भोगी है और बहु भी।उनके घर में शोर सुनकर गांव के युवक विशाल रैना ने घटना को कैमरे में कैद की।

हिमाचल प्रदेश के मैदानी इलाकों में विशेष तौर पर ऐसे सांप अधिक है।हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय के जीव विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर राकेश कुमार नेगी बताते हैं कि रैट स्नेक बेहद जहरीला सांप है।बरसात में हर दम चौकसी बरती जानी चाहिए।

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जानकारी के मुताबिक आईजीएमसी अस्पताल शिमला में हर साल सर्पदंश के करीब सौ मामले सामने आते हैं. यह मामले ज्यादातर मैदानी इलाकों से रेफर किए गए होते हैं।

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हिमाचल में सांपों की 35 प्रजातियां पाई जाती है। इनमें से सिर्फ 3 सांप जहरीले होते हैं, जिनके काटने से इंसान की जान को खतरा होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मरीज को सही समय पर अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो उसकी जान बच सकती है।डॉक्टर्स का कहना है कि सर्पदंश के मामले में झाड़ फूंक से इलाज करवाना मरीज की जान के साथ खिलवाड़ है।

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मानसून की दस्तक के साथ ही किसान और बागवान खेतों और बगीचों के काम में जुट जाते हैं. इसी दौरान सांप भी जमीन पर निकल आते हैं. ऐसे में किसानों और बागवानों की जान को हमेशा खतरा बना रहता है। अगर समय पर इलाज न मिले तो व्यक्ति की मौत हो जाती है।आईजीएमसी मेडिसिन विभाग में हर साल 60 से 70 मामले सर्पदंश के आते हैं. सबसे अधिक मामले 108 एंबुलेंस के माध्यम से ही अस्पताल पहुंचते

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सांप के काटने के बाद पीड़ित को बिना देरी के सीधे हॉस्पिटल पहुंचाया जाना चाहिए।एंटी वेनम से मरीज को बचाया जा सकता है।

डॉक्टर संजय महाजन

प्रोफेसर मेडिसिन विभाग आईजीएमसी शिमला