स्वीकृत तबादलों पर विभागीय सुस्ती से सीएम तल्ख़। स्थानांतरण प्रस्तावों को संबंधित विभागों द्वारा त्वरित रूप से क्रियान्वित नहीं करने से जनप्रतिनिधियों में भारी आक्रोश।सीएम ने लिया कड़ा संज्ञान।

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दो टूक कहा, 7 दिनों से अधिक की किसी भी देरी के लिए कारण लिखित रूप में मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचित किया जाना चाहिए।

IBEX NEWS,शिमला।

तबादलों पर विभागीय सुस्ती से सीएम ने तल्ख़ी दिखाई है और कहा गई कि स्वीकृत प्रस्तावों को संबंधित विभागों द्वारा त्वरित रूप से क्रियान्वित नहीं करने से जनप्रतिनिधियों में भारी आक्रोश है । इस पर सीएम ने लिया कड़ा संज्ञान लिया है कि स्वीकृत स्थानांतरण प्रस्तावों को संबंधित विभागों द्वारा त्वरित रूप से क्रियान्वित नहीं किया जाता।
स्वीकृत भेजे जाने के बाद जिसे स्थानांतरित करने के लिए कहा
जाता है उसपर विभागों की सुस्ती का ग्रहण कैसे लग रहा हैं?

सीएम कार्यालय से जारी निर्देशों में कहा है कि संबंधित विभागों या कार्यालयों को प्रस्ताव लागू करने की जिम्मेदारी संबंधित विभाग या कार्यालय की है। यदि स्वीकृत स्थानांतरण प्रस्ताव व्यवहार्य नहीं हैं, तो उन्हें उचित माध्यम से 7 दिनों के भीतर निश्चित रूप से इस कार्यालय को सूचित किया जाना चाहिए।


दो-तरफ़ा संचार प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए, एक नोडल
अधिकारी, जो निदेशालय या समकक्ष स्तर पर अधीक्षक ग्रेड-I के पद से नीचे का न हो और सचिवालय स्तर पर शाखा अधिकारी, मुख्यमंत्री कार्यालय में नामित शाखा के साथ संपर्क करेगा।

7 दिनों से अधिक की किसी भी देरी के लिए कारण लिखित रूप में मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचित किया जाना चाहिए।
कार्यान्वयन योग्य स्थानांतरण प्रस्तावों के लिए,
कार्यान्वयन प्रतिवेदन 7 दिनों के भीतर इस कार्यालय में पहुंच जाना चाहिए। यह नोडल अधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी।


अनुरोध किया है कि सभी एडी और एचओडी
स्थानान्तरण प्रस्तावों के क्रियान्वयन की प्रगति एवं की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन कार्यालय को भिजवायें।