Himachal NEWS: धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम में लगेगा सियासत का मेला, अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में मैच देखेगी सुक्खू की कैबिनेट।

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IBEX NEWS,शिमला।

रविवार 22 अक्तूबर को कांग्रेस की पूरी सरकार क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में मैच देखेगी। हिमाचल की पूरी कैबिनेट और विधायक धर्मशाला में भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने वाले मैच का लुत्फ उठाने की तैयारी कर रहें है। इस मैच में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और मुख्यमंत्री सुक्खू क्रिकेट की सियासी पिच पर रिश्तों की नई इबारत लिखेंगे।

10 साल बाद ऐसा होगा, जब कांग्रेस और भाजपा के विधायक क्रिकेट स्टेडियम में बैठकर एक साथ बिना किसी सियासी कड़वाहट के नए सियासी रिश्ते बनाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र के कार्यकाल में धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम को लेकर जबरदस्त सियासी महाभारत होता था। एचपीसीए पर विजिलेंस में केस हुए थे। वीरभद्र मुख्यमंत्री रहते सिर्फ एक बार धर्मशाला स्टेडियम में वर्ष 2013 में मैच देखने आए थे। इसके कुछ माह बाद क्रिकेट स्टेडियम पर सरकार ने ताले लगा दिए थे।

मुख्यमंत्री बनने के बाद धर्मशाला स्टेडियम में आईपीएल के बाद अब आईसीसी वर्ल्ड कप मैच हो रहे हैं। आईपीएल में सुक्खू मैच देखने नहीं आ पाए थे। अब आईसीसी वर्ल्ड कप मैच का एचपीसीए का निमंत्रण सुक्खू ने स्वीकार कर लिया है। इससे पहले धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा भी लंबे अरसे बाद आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल के साथ वनडे मैच देखने स्टेडियम आए थे।  हिमाचल पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष रघुबीर सिंह बाली ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू 22 अक्तूबर को धर्मशाला में भारत-न्यूजीलैंड का मैच देखने आएंगे। उनके साथ कैबिनेट मंत्री भी होंगे। सीएम का रात्रि विश्राम धर्मशाला में ही होगा।

क्रिकेट को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच आर-पार की लड़ाई रही। लेकिन, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के धूमल परिवार के साथ सियासी संबंध शालीन रहे। कांगड़ा आने पर वह पूर्व सीएम शांता कुमार से मिले। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बेटे की शादी में पूरी कैबिनेट के साथ शरीक हुए। जी 20 के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले।

तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों शांता कुमार, वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल के सियासी युग के बाद पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने बदले की राजनीति को खत्म करने की शुरुआत की थी। सरकार बदलने पर विपक्ष के नेताओं पर केस करने वाली बदले की राजनीति पर जयराम ठाकुर ने विराम लगाया था। अब सुक्खू भी व्यवस्था परिवर्तन का नारा देकर नई राजनीति की परिभाषा गढ़ रहे हैं।