BREAKING:देश के शीतमरुस्थल लाहौल स्पीति में शिंकुला दर्रे के दर्शन अब सर्दियों में भी कर पाएँगे पर्यटक। अभी ब्लैक आइस और भारी बर्फ़बारी से विंटर लॉक्ड रहती है यहाँ की वादियाँ।

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ज़िला प्रशासन की निगरानी से सरकार करेगी अनूठी पहल। लाहौल स्पीति के युवाओं की माँग पर जनजातीय विकास, बाग़वानी राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने दिया आश्वासन।BRO, प्रशासनिक अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा निर्देश।

कहा ,सर्दियों में बर्फ से लकदक वादियों की सैर का अलग मज़ा , पर्यटन भुनायेगी सरकार।

IBEX NEWS,शिमला।

देश के शीतमरुस्थल लाहौल स्पीति में शिंकुला दर्रे , गोंपा, शिंकुला टॉप, सुंदर झील के दर्शन अब सर्दियों में भी पर्यटक कर पाएँगे। अभी हर साल के मध्य अक्तूबर से कई माह की लंबी अवधि तक ब्लैक आइस और भारी बर्फ़बारी से यहाँ की वादियाँ विंटर लॉक्ड रहती है और पर्यटन कारोबार ठप्प।गर्मियों में ही देशी विदेशी पर्यटकों की रौनक रहती है।अब ज़िला प्रशासन की निगरानी से सरकार अनूठी पहल करने जा रही हैं कि पंजीकृत टूरिस्ट गाइड और ज़िला प्रशासन के सहयोग से सर्दियों में भी यहाँ पर्यटन क्षेत्र को खोला जा रहा है। पर्यटकों की माँग के आधार पर गाड़ियों के क़ाफ़िले या पर्यटकों के समूह को इन वादियों में जाने की अनुमति दी जाएगी। बशर्ते वे ज़िला प्रशासन के सारे दिशा निर्देश फॉलो करें। वायरलेस सिस्टम, पंजीकृत गाइड और कैंपिंग ऑर्गनाइज़र्स की मदद से इस पहल को संभव बनाने की तैयारी है।

स्पीति के युवाओं की माँग पर जनजातीय विकास, बाग़वानी राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने स्थानीय विधायक रवि ठाकुर व सभी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ दारचा, शिंकुला-समदू BRO Dett. में पहुंच कर पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। ज़िलाधीश और पुलिस अधीक्षक को मामले पर SOP बनाने के निर्देश दिये है।

यह लाहुल का ऐसा पर्यटन स्थल हैं, जहां बादल छाते ही जून महीने में भी बर्फ के फाहे गिरने शुरू हो जाते हैं। पर्यटन ही युवाओं का एकमात्र रोज़गार है और सर्दियों में कारोबार बंद रहता है

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ज़िलाधीश और पुलिस अधीक्षक को मामले पर SOP बनाने के निर्देश दिये है:राजस्व, बाग़वानी और जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी।

लाहौल के मुख्यालय केलांग में गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण, परेड की सलामी व जनसभा को संबोधित करने के पश्चात वे वहाँ पहुँचे थे और स्थानीय युवाओं ने उनके समक्ष माँग रखी कि सर्दियों में कश्मीर से भी सुन्दर यहाँ की वादियों के दीदार को सरकार पर्यटन कारोबार को सुचारू करें ।यह लाहुल का ऐसा पर्यटन स्थल हैं, जहां बादल छाते ही जून महीने में भी बर्फ के फाहे गिरने शुरू हो जाते हैं। पर्यटन ही युवाओं का एकमात्र रोज़गार है और सर्दियों में कारोबार बंद रहता है।तर्क दिया कि समुद्रतल से लगभग 16,580 फीट ऊंचे शिंकुला में 4.2 किलोमीटर लंबी सुरंग बनने जा रही है और यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से भी और अधिक विकसित होगा। अभी लेह मार्ग पर मनाली से दारचा तक लगभग 101 किलोमीटर की यात्रा के बाद शिंकुला से जंस्कार घाटी में प्रवेश किया जाता है। सुरंग बनने के बाद इस 101 किलोमीटर यात्रा की जरूरत नहीं रहेगी। सुरंग का दक्षिणी छोर मनाली की ओर शिंकुला तथा उत्तरी छोर जंस्कार की ओर लखंग में होगा।सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शिंकुला सुरंग का निर्माण कार्य अप्रैल 2024 में शुरू होगा। वर्ष 2025 तक इसे बनाने का लक्ष्य रखा है। सुरंग के बनने से पाकिस्तान और चीन सीमा तक भारतीय जवानों की पहुंच और आसान हो जाएगी। शिंकुला सुरंग बनने से जंस्कार और मनाली के बीच सर्दियों में भी आवागमन हो सकेगा।

शिंकुला दर्रा लेह लद्दाख को हिमाचल से जोड़ता है।इसे पार करते ही लेह की मशहूर और खूबसूरत जांस्कर घाटी शुरू जाती है बर्फ से लदी लकदक हसीं वादियों की सैर ।शिंकुला और बारालाचा दर्रे की दूरी मनाली से बराबर ही है। मनाली से लेह मार्ग पर दारचा तक एक ही सड़क है, जबकि दारचा से एक सड़क बारालाचा तो दूसरी शिंकुला दर्रे के लिए जाती है। दारचा से छीका व रारिक गांव होते हुए पालमों और वहां से चढ़ाई चढ़ते हुए शिंकुला ।दारचा से शिंकुला तक की दूरी 40 किलोमीटर है। हालांकि बीआरओ ने दारचा शिंकुला सड़क को चकाचक बना दिया है


शिंकुला दर्रे को सड़क से जोड़ने में जांस्कर निवासी बुजुर्ग लामा त्सुलटिम छोंजोर का योगदान सराहनीय है। 28 जून 2014 को शिंकुला दर्रे पर सड़क का निर्माण शुरू किया था। बीआरओ ने दारचा से आगे 27 किलोमीटर सड़क बनाई थी और लामा ने इससे आगे सड़क बनाना शुरू की थी। उन्होंने जांस्कर के पहले गांव करगये तक 13 किलोमीटर जीप योग्य सड़क बनाई है। लद्दाख के जनजातीय क्षेत्र के इस बुजुर्ग को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।